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व्यापारियों ने किया आम बजट का स्वागत
बरेली। संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री माननीया निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025- 26 का देश का बजट संसद में पेश किया। इस बजट की सबसे खास बात टैक्स स्लैब में राहत रही। मध्यम वर्गीय परिवारो को टैक्स में काफी राहत मिली है। व्यापारियों और नौकरी पेशा लोगों ने बहुत राहत की सांस ली है। बरेली और पीलीभीत के व्यापारियों ने आम बजट का स्वागत किया है। प्रस्तुत है व्यापारियों से आम बजट पर बातचीत ।
अनूप अग्रवाल, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
बजट में आम छोटे व्यापारी व आम नागरिक को 12 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स में छूट देकर व्यापारियों व आम नागरिकों का मन जीत लिया है। व्यापारी इस बजट का स्वागत करते हैं। किसान के लिए उसके क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से 5 लाख करना भी महत्वपूर्ण है। उधर बिहार में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा पर किसानों व व्यापारियों दोनों को लाभ होगा। साथ ही एमएसएमई के लोन की सीमा 5 करोड़ से बढाकर 10 करोड़ की गई है। इससे एमएससी में उद्योगों को व्यापार करने में लाभ होगा। साथ ही आईआईटी में सीट बढ़ाने तथा मेडिकल की सिटी बढ़ाने की घोषणा की गई है। टीवी और एलसीडी पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटकर ढाई परसेंट कर दी है। इससे टीवी में एलसीडी सस्ते होंगे। यह आम आदमी की खरीद की रेंज में आ जाएंगे। उधर देश के सीनियर सिटीजंस को आईटीआर भरने की सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी है इससे देश के बुजुर्गों को आईटीआर भरने में सुविधा होगी। व्यापारी इन घोषणाओं का स्वागत करते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हैं। उनकी कैबिनेट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बी बजट में व्यापारियों एवं आम आदमी के हितों का ध्यान रखा गया है।
जफरबेग, प्रदेश उपाध्यक्ष उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
केन्द्र सरकार का यह बजट देश के मध्यम वर्ग के लिये अब तक सबसेउपहार स्वरूप बजट है। 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट ऐतिहासिक है। यह छूट मध्यम वर्ग को मज़बूत करेगी। मध्यम वर्ग की परचेसिंग पावर बढ़ने से मध्यम वर्ग के व्यापारियो की बल्ले-बल्ले होगी। धनी लोगो पर टैक्स बढ़ाने से देश की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। सीनियर सिटीज़न को छूट देना अच्छा कदम है। छोटे निवेशको को छूट देने से भी मध्यम वर्गीय व्यापारी लाभान्वित होगा।
शोभित सक्सेना, महानगर अध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल
बजट में मध्यम वर्ग का ध्यान रखा गया है। टैक्स में छूट से मध्यम व्यापारी को भी राहत मिलेगी। किसानों को भी क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर सरकार ने राहत दी है। बीमा सेक्टर में 100% विदेशी निवेश से भी आम आदमी को राहत मिलेगी और लोग ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे। व्यापारियों को सबसे बड़ी राहत इस बात की है कि सरकार ने छोटे और मझोले व्यापारियों की बात पर भी गौर किया और उनको सुना। जो लोग इमानदारी से टैक्स दे रहे हैं, इस बार सही मायने में बजट से उनको लाभ मिलेगा।
राजन विद्यार्थी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, बरेली
बजट जनता के लिए कल्याणकारी और राहत देने वाला
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के आठवाँ बजट भगवान कृष्ण की तरह कल्याणकारी एवं राहत देने वाला है। यह बजट विकसित भारत के लक्ष्य की तरफ़ ले जानें वाला है। देश की अर्थव्यवस्था को विकास की ओर अग्रसर करके आगे की राह दिखाने वाला तथा भारत को मज़बूत बनाने वाला बजट है ।
यकर में छूट खास तौर से १२ लाख तक की आय पर कोई कर न लगने तथा नई टैक्स रेजीम में स्लैब की दरों में परिवर्तन से हर व्यक्ति की जेब में रूपया बढ़ेगा। जिससे उसकी क्रय शक्ति मजबूत होगी। खेती, आधारभूत संरचना, नवोन्मेषी अनुसंधान, उद्योगों को बढ़ावा, रोज़गारों का सृजन, निर्यात को प्रोत्साहन इस बजट के उल्लेखनीय बिंदु हैं। दो मकानों पर निजी प्रयोग के आवास की छूट प्रदान करने से हाउसिंग सेक्टर को बहुत बल मिलेगा।
डॉ ज्ञान सिंह यादव, अर्थशास्त्र विशेषज्ञ एवं जिला अध्यक्ष सामाजवादी शिक्षक महासभा बरेली
टैक्स स्लैब में बदलाव राहत की बात
केंद्र सरकार के बजट में इस बार टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। यह मध्यम वर्ग के लिए राहत की बात है। बाकी में किसानों को क्रेडिट कार्ड पर लोन की सीमा बढ़ाना और उद्योग के क्षेत्र में कुछ और रियायती भी दी गई है। इन सब का स्वागत है। लेकिन बजट में रोजगार पर ध्यान नहीं दिया गया है। देश में बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ रही है। सरकार को रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए। बजट में किसान नौजवान और रोजगार के लिए कुछ ज्यादा प्रयास करने चाहिए थे, जिसकी कमी फिलहाल दिखती है।
डॉ हरिओम मिश्र, प्रधानाचार्य तिलक इंटर कॉलेज बरेली
बजट जनता के लिए कल्याणकारी और राहत देने वाला
केंद्र सरकार का यह बजट नौकरी पेशा व्यापारी मध्यम वर्ग महिलाओं और जनता के लिए कल्याणकारी है। सरकार ने टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया है, वह अभूतपूर्व है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। अभी तक हमारा देश विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था है। सरकार के इस बजट से हम विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होंगे। समाज का ऐसा कोई वर्क नहीं है, जिसको बजट में राहत मिलती ना दिख रही हो।
शमीम खां सुल्तानी, महानगर अध्यक्ष सपा
बजट पूरी तरह से निराशाजनक
केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती हैं। किन्तु सच्चाई सबके सामने है। किसानों को उनकी उपज़ का वाज़िब मूल्य भी नहीं मिल पाता। एक देश एक कर, का दावा करने वाली सरकार को घरेलू गैस, पैट्रोल और डीजल को जी. एस. टी के अंतर्गत लाना चाहिए था। जिससे आम जनता और किसानों को लाभ मिलता। इस बजट में न महंगाई की चिंता है और न बेरोजगारों के लिए काम इसलिए यह बजट पूर्णतया निराशाजनक है।
अता उररहमान विधायक एवं पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी बहेड़ी
बेरोजगारी चरम पर है। युवाओं को रोजगार के लिए पुलिस की लाठियाँ मिल रहीं हैं। महंगाई दिन व दिन बढ़ती जा रही है। आम आदमी का हाल बेहाल है। किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसान कर्ज के जंजाल में फँसा हुआ है।सरकारी योजनाओं का हाल सिर्फ कागज़ पर ही सुनहरा है। शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सरकार विफल हो चुकी है। कुल मिलाकर अगर बात करें तो बजट सिर्फ आँकड़ों - भाषणों और बड़े - बड़े विज्ञापनों का खेल ही दिखाई पड़ रहा है।
पम्मी वारसी समाजसेवी बरेली
बजट जनहित में, हर वर्ग को लाभ, उम्मीदों का बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 लोकसभा में पेश किया। यह बजट युवाओं से लेकर महिलाओं पर फोकस रखा गया है। वहीं गरीब, मिडिल क्लास और किसानों के लिए भी इस बजट में खास तोहफा दिया गया है। इस बार के बजट में सरकार महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का प्रयास किया है।बजट में सबसे बड़ी बात टैक्स स्लैब्स में बदलाव से जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। किसानों, नौजवानों, गृहणियों व्यापारियों के लिए अच्छा बजट है। इस बजट का हम स्वागत करते हैं।