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कैंट में बुल्डोजर चलाकर हटाया अतिक्रमण
वाईबीएन संवाददाता, बरेली।
शहर के कैंट इलाके में बुधवार की सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कैंट बोर्ड की टीम ने बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू कर दिया। मदारियों की पुलिया से लेकर धोपेश्वर नाथ मंदिर तक सड़क किनारे बनी झुग्गियां और दुकानों पर कैंट बोर्ड का बुलडोजर गरज उठा। देखते ही देखते तमाम झोपड़ियां और पक्के टीन शेड ढह गए। अचानक हुई कार्रवाई से कब्जेदारों में भगदड़ मच गई।
करीब आठ महीने पहले कैंट बोर्ड के तत्कालीन सीईओ रविंद्र कुमार ने इलाके में 500 से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए थे। उन पर लाल निशान लगा दिए थे। जून में कुछ हिस्सों पर कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन, उस उस समय कैंट बोर्ड की टीम और अतिक्रमणकारियों के बीच बहस और धक्का-मुक्की हो गई थी। इसके बाद अतिक्रमण हटाए बिना मामला शांत पड़ गया था। जुलाई में सीईओ का तबादला होने के बाद अतिक्रमण की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। लेकिन नई सीईओ तन्नू जैन ने पद संभालते ही अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और कैंट क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त कराने का अभियान फिर से शुरू कराया। सुबह जैसे ही टीम पुलिस बल और जेसीबी मशीनों के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। अतिक्रमणकारियों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया। कुछ अतिक्रमणकारियों ने अचानक इस तरह की कार्रवाई का विरोध भी किया। लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में किसी की नहीं चली। किसी तरह का बड़ा विवाद नहीं हुआ। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शांतिपूर्वक पूरी की गई। टीम ने कई झुग्गियों, टीनशेड दुकानों और अस्थायी निर्माणों को जमींदोज कर दिया। स्थानीय नागरिकों के अनुसार मदारियों की पुलिया से लेकर धोपेश्वर नाथ मंदिर तक के इलाके में 500 से अधिक अतिक्रमण थे। सड़क किनारे लोगों ने झोपड़ियां, दुकानें और टॉयलेट तक बना लिए थे। राहगीरों को आवागमन में दिक्कत होती थी। बोर्ड की सीईओ तन्नू जैन का कहना था कि अतिक्रमण अभियान आगे भी जारी रहेगा। किसी भी सूरत में अतिक्रमण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अतिक्रमण हटने की भनक लगते ही आसपास के कई लोगों ने खुद ही अपने निर्माण हटाने शुरू कर दिए। कैंट बोर्ड की इस कार्रवाई से कैंट इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। कई अतिक्रमणकारी खुद ही अपने अवैध ढांचे हटाने की तैयारी में जुट गए हैं ताकि अगली लिस्ट में उनका नाम न आ जाए।
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