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नुक्कड़ नाटक के जरिये आत्महत्या के कारण और उसे रोकने और जीवन का संदेश

एसआरएमएस मेडिकल कालेज में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता अभियान चलाया गया। मानसिक विभाग के कार्यक्रम में आत्महत्या करने के कारण और उसे रोकने की जानकारी दी गई।

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Sudhakar Shukla
श्री राममूर्ति मेडिकल कॉलेज के निदेशक आदित्यमूर्ति

श्री राममूर्ति मेडिकल कॉलेज के निदेशक आदित्यमूर्ति

बरेली,वाईबीसंवाददाता

एसआरएमएस मेडिकल कालेज में बुधवार (10 सितंबर 2025) को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता अभियान चलाया गया। मानसिक रोग विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में आत्महत्या के कारणों, उसे रोकने की जानकारी दी गई। विभाग के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक से जीवन के अनमोल होने और हर समस्या के समाधान का संदेश दिया। इस मौके पर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति जी ने मानसिक रोगों का समय से उपचार पर जोर दिया और इसके प्रति समाज की सोच बदलने के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुस्तिका का भी विमोचन किया। 
प्रोफेसर (डा.) दीपक चरन ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की जानकारी दी और तेजी से बढ़ने की वजहों के साथ इसकी रोकथाम पर सुझाव भी दिए। मानसिक रोग विभाग के विद्यार्थियों डा.रिया कंसल, डा.आस्था बंसल, डा.अर्चित अवस्थी, डा.शिवानी राना, डा.गरिमा सिंह और डा.आदर्श कुमार ने नुक्कड़ नाटक के जरिये नौकरी न मिलने से परेशान एक नौजवान के तनाव, परिवार की भूमिका और परस्पर लगाव का मंचन किया। आत्महत्या तक ले जाने वाले अवसाद की स्थिति को दिखाया। इसके रोकथाम के तरीके बताए और जीवन के बहुमूल्य होने का संदेश देते हुए हर समस्या के समाधान की बात कही। नाटक में कहा गया कि अवसाद में जूझते व्यक्ति को पारिवारिक सहयोग, अपनत्व के साथ ही काउंसलिंग की जरूरत होती है। ऐसा न होने पर स्थिति बिगड़ती है। इसलिए सावधानी रखें और परिवार के साथ समस्याओं को साझा करें। साथ समय बिताएं और समाधान खोजें। कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डा.सुप्रिया डीसिल्वा और डा.मनाली साहू ने आत्महत्या के बढ़ते मामलों के साथ तनाव, अवसाद, दुख, सामाजिक दबाव जैसे इसके कारणों की जानकारी दी। उन्होंने अवसाद के लक्षणों को भी बताया और इसके रोकथाम के तरीकों को भी बताया। इस अवसर पर डा.आयुष गगनेजा, डा.प्रज्ञा, डा.प्रेरणा, डा.पनकिल, डा.आशी, डा.शिखा, डा.रूपाली, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अजेता और अर्चना मौजूद

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