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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली में आंगनबाड़ी भर्ती में बरती गई अनियमिताओं पर शासन ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्य विकास अधिकारी की जांच में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कृष्ण चंद्र पर लगे घूस लेने के आरोप सही पाए गए। इस पर बरेली के डीएम रविंद्र कुमार ने सीडीपीओ के निलंबन की संस्तुति कर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक को पत्र लिखा था, जिसके आधार पर सीडीपीओर कृष्ण चंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उन्हें शाहजहांपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
पिछले महीने आंगनबाड़ी पदों पर हुई भर्ती में अनियमितताओं और घूसखोरी के आरोप लगे थे। इसको लेकर आवेदकों ने विकास भवन में हंगामा भी किया था। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार को जन सुनवाई के दौरान आंगनबाड़ी भर्ती में रुपये के लेन-देन और अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। डीएम ने इस मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी से कराई। उनकी जांच में आरोप सही पाए गए।
सीडीओ की जांच के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर चयन कराने हेतु सीडीपीओ कृष्ण चंद्र की आवेदक वीरवती पत्नी अमित कुमार से 1,65,000 में बात हुई थी। उनका ऑनलाइन आवेदन भी सीडीपीओ कृष्ण चन्द्र ने अपने जान पहचान के कैफे से कराया था। 12 नवंबर 2024 को बतौर एडवांस वीरवती से 70,000 रुपये सीडीपीओ कृष्ण चंद्र ने लिए थे। आवेदक ने यह रकम ब्याज पर लेकर दी थी।
जांच में पाया गया कि सीडीपीओ कृष्ण चन्द्र ने दूसरी आवेदक आशा पत्नी बाबूराम से 2,50,000 लेकर शिकायतकर्ता के आवेदन में जान बूझकर त्रुटि करा दी। इससे उनका आवेदन निरस्त कर आशा पत्नी बाबूराम का चयन कर दिया गया, जबकि शिकायतकर्ता वीरवती के अंक चयनित आवेदक आशा से अधिक हैं, और वह बीपीएल श्रेणी में हैं। शिकायतकर्ता ने साक्ष्य के रूप में वीडियो रिकार्डिंग भी सीडीओ को दी थी। वीडियो रिकॉर्डिंग देखने से सीडीपीओ कृष्ण चन्द्र के घूस लेने की शिकायत प्रथम दृष्टया सही निकली।
सीडीओ की जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम रविंद्र कुमार ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक को पत्र लिखा, जिसमें सीडीपीओ कृष्ण चंद्र के निलम्बन की कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। डीएम ने लिखा कि बाल विकास परियोजना अधिकारी कृष्ण चन्द्र ने अपने पदीय दायित्वों का दुरूपयोग करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकत्री भर्ती में वीरवती पत्नी अमित कुमार निवासी ग्राम टिटौली विकास खंड फतेहगंज पश्चिमी से उत्कोच लिया है। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है। उनका यह कृत्य राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के विपरीत है।
डीएम की आख्या पर निदेशक ने बाल विकास परियोजना अधिकारी कृष्ण चन्द्र को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया। उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए आरोपों की जांच के लिए जमा त्रिपाठी उप निदेशक मुख्यालय को जांच अधिकारी बनाया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें आधा वेतन दिया जाएगा। मगर इसके लिए उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना होगा कि वह अन्य किसी सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति एवं व्यवसाय में काम नहीं कर रहे हैं। निलंबन अवधि में कृष्ण चन्द्र को जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय शाहजहांपुर से सम्बद्ध रहेंगे।