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मोबाइल और टीवी देखने से बच्चों में हो रही बीमारियां : आईएमए

अभिभावक संघ एवं आई एम ए बरेली की ओर से “एक संवाद – पार्ट 2” कार्यक्रम का सफल आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यापकगण, प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य, एवं स्कूल प्रबंधकों सहित बरेली के अनेक प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भी सहभागिता की।

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Sudhakar Shukla
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बरेली,वाईबीएनसवांददाता

अभिभावक संघ एवं आई एम ए बरेली की ओर से “एक संवाद – पार्ट 2” कार्यक्रम का सफल आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यापकगण, प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य, एवं स्कूल प्रबंधकों सहित बरेली के अनेक प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भी सहभागिता की।

खेल-कूद की क्षमताओं में आ रही कमी पर चिंता

कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में बच्चों के शारीरिक, मानसिक तथा शैक्षिक विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श हुआ। ग्राम स्कूल के प्रबंधक राजेश जोली ने बच्चों की अत्यधिक देखभाल एवं लाड़-प्यार को उनकी शारीरिक दुर्बलता का कारण बताया। सौरभ अग्रवाल ने बच्चों की खेल-कूद की क्षमताओं में आ रही कमी पर चिंता व्यक्त की। कहा कि उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।

 अमनदीप ने यह घोषणा की कि बेदी स्कूल, स्कूल की छुट्टी के पश्चात भी बच्चों के लिए खेल हेतु खुला रहेगा, जिससे उनका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। डॉक्टर अनीश बाग ने बच्चों के वैक्सीनेशन की अनदेखी को गंभीर विषय बताते हुए कहा कि इससे अनेक दीर्घकालिक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं।

गर्दन की हड्डियों में विकार उत्पन्न हो रहे

डॉ. आर.के. सिंह (अध्यक्ष, IMA) ने बताया कि लगातार मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन देखने से गर्दन की हड्डियों में विकार उत्पन्न हो रहे हैं। जिससे चक्कर आना, मानसिक थकावट जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने संतुलित आहार और स्क्रीन टाइम की निगरानी पर जोर दिया।

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डॉ. आफताब ने बच्चों में बढ़ती चश्मे की समस्या को खानपान से जोड़ा और सुझाव दिया कि कक्षा में दूर बैठने वाले छात्रों की सीटें नियमित रूप से बदली जानी चाहिए। BBL स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चों को अध्ययन के साथ अन्य जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना चाहिए, जिसके लिए उनका स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है।

 रितु शर्मा (केंद्रीय विद्यालय) ने कहा कि अनेक बच्चे सीखना चाहते हैं। किंतु कुछ व्यक्तिगत समस्याओं के कारण पीछे रह जाते हैं। ऐसे में माता-पिता को संवाद कर बच्चों को समझना चाहिए।

अंत में, अभिभावक संघ के तथाकथित अध्यक्ष अंकुर सक्सेना ने “एक संवाद” जैसे कार्यक्रमों को शिक्षा सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि “एक संवाद – पार्ट 3” का आयोजन अगले वर्ष भी निश्चित रूप से किया जाएगा। सबके सहयोग एवं मार्गदर्शन इस प्रकार के आयोजनों को सफल बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा।

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