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कैंट विधानसभा से 2027 में टिकट की दावेदारी करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता डॉ. अनीस बेग को तगड़ा झटका लगा है। उनके मैक्स लाइफ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया। सीएमओ ने अस्पताल का पंजीकरण रद्द कर दिया। बारादरी थाना क्षेत्र में स्थित इस निजी अस्पताल पर अब तक नाम के विवाद, बगैर पंजीकरण हॉस्पिटल के संचालन और पुलिस केस वाले अनियमित मरीज बिना रिपोर्ट दर्ज कराए भर्ती करने और गरीब मरीजों को बकाया न देने पर जबरदस्ती अस्पताल में रोकने जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व विधायक सुल्तान बेग के भाई डॉक्टर अनीस बेग का मैक्स अस्पताल जब शुरू हुआ तब उसे मैक्स लाइफ नाम से संचालित किया गया था। इस पर दिल्ली के प्रतिष्ठित हेल्थकेयर ग्रुप 'मैक्स' ने नाम के दुरुपयोग को लेकर उनको कानूनी नोटिस भेजा था। इसके बाद डॉ. अनीस बेग ने अस्पताल का नाम 'मैक्सा लाइफ' करने का प्रयास किया। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विश्राम सिंह को आवेदन भी भेजा।
सीएमओ का अस्पताल संचालक 24 घंटे का अल्टीमेटम
सीएमओ कार्यालय द्वारा हाल ही में की गई जांच के बाद यह पाया गया कि अस्पताल का न तो नया नाम मैक्सा लाइफ विधिक मानकों पर खरा उतरता है। न ही पुराना पंजीकरण अब वैध है। इसी के चलते सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए इसकी सूचना संबंधित प्रबंधन को दे दी है। शहर की एक प्रमुख सामाजिक संस्था ने अस्पताल पर बिना वैध पंजीकरण इलाज करने का आरोप लगाते हुए सीएमओ को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। संस्था ने स्पष्ट कहा है कि यदि 1 अगस्त तक इस अस्पताल पर कार्रवाई नहीं हुई तो सीएमओ कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा।
इस बीच यह भी जानकारी सामने आई है कि अस्पताल में दीपक नाम के मरीज का इलाज किया जा रहा था। उसे कथित तौर पर गोली लगी है। इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई। यह कानून के गंभीर उल्लंघन की श्रेणी में आता है। हालांकि इस संबंध में अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि अस्पताल की ओर से नहीं की गई है। पूरा मामला अब पुलिस, प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। सूत्रों के मुताबिक सपा नेता का हॉस्पिटल होने के चलते क्या प्रशासन इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है या फिर अस्पताल संचालक पर स्वास्थ विभाग की तरफ से सख्त कार्रवाई होगी।
जब इस संबंध में सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा डॉ. अनीस बेग ने अस्पताल का पंजीकरण करा लिया है। वहीं डॉ. अनीस बेग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, अगर पंजीकरण रद्द हो गया होता तो बीच शहर में अस्पताल चलाना संभव नहीं होता। यह जानकारी भ्रामक और तथ्यहीन है।