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योगी सरकार और आला अधिकारी यूपी पुलिस की छवि सुधारने में लगे हैं। मगर कुछ पुलिस कर्मियों की हरकतों से पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। वहीं, कुछ पुलिस वाले कामचोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। ड्यूटी के दौरान सरकारी कार में बैठकर दारू पार्टी और अपराधियों का फर्जी सत्यापन करने के मामले में एसएसपी अनुराग आर्य ने चार सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, दो अन्य सिपाहों को पुलिस लाइन भेज दिया।
दो दिन पहले चेकिंग पर निकले एसपी सिटी मानुष पारीक सेटेलाइट चौराहे पर पुलिस कर्मियों की हरकत देखकर दंग रह गए। किला थाने की चौकी नंबर 23 पर तैनात सिपाही आशीष शर्मा छुट्टी स्वीकृत कराए बगैर अपनी ड्यूटी से गायब था। वह सैटेलाइट पर सरकारी गाड़ी में बैठकर शराब पी रहा था। उसके साथ दारू पार्टी में सिपाही प्रशांत, चालक मंगत सिंह और सिपाही दिलीप कुमार भी शामिल थे।
एसपी सिटी के पूछने पर सिपाही आशीष शर्मा ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की। उसने अपनी नंबर प्लेट ढक ली, और खुद को आगरा में तैनात बताया। मगर एसपी सिटी के सख्ती से पूछताछ करने पर पूरा मामला खुल गया। सिपाही प्रशांत पूछताछ के दौरान मौके से फरार हो गया। चालक मंगत सिंह और दिलीप कुमार से भी पूछताछ की गई। एसपी सिटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर एसएसपी को दे दी।
एसपी सिटी की रिपोर्ट के आधार पर सिपाही आशीष शर्मा और प्रशांत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। वहीं, ड्यूटी से अनुपस्थित दिलीप कुमार और चालक सिपाही मंगत सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एसएसपी ने यह कार्रवाई सार्वजनिक स्थान पर शराब पीना और अनुशासनहीनता को गंभीर मानकर यह कार्रवाई की है।
बरेली के सुभाषनगर थाने में तैनात सिपाही अवित बालियान और किताब सिंह ने लूट और छिनैती जैसे संगीन मामलों में संलिप्त अपराधियों का भौतिक सत्यापन किए बिना ही फर्जी रिपोर्ट लगा दी। एसएसपी अनुराग आर्य ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इन दोनों के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य का कहना है कि पुलिस कर्मियों से अनुशासन और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है। सरेआम शराब पीने से विभाग की छवि धूमिल हुई। इस तरह की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।