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साइबर ठगों ने बुजुर्ग पेंशनर्स के बैंक खाते से ठग ली 2 लाख 36 हजार से ज्यादा की रकम

शहर के इज्जतनगर निवासी बुजुर्ग पेंशनर्स से साइबर ठगों ने दो लाख 36 हजार से अधिक रकम की बैंक खाते से ठगी कर ली। यह पूरा मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक भी पहुंच गया

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Sudhakar Shukla
बुजुर्ग पेंशनर्स से सवा दो लाख से ज्यादा की ठगी

बुजुर्ग पेंशनर्स से सवा दो लाख से ज्यादा की ठगी

वाईबीएन संवाददाता बरेली

शहर के इज्जतनगर निवासी पेंशनर्स के खाते से साइबर ठगों ने आधी रात को एफडी और आरडी तोड़कर 2.36 लाख उड़ा लिए। जब बुजुर्ग पेंशनर्स बैंक पहुंचा तो उनके स्टॉफ ने जिम्मेदारी से किनारा करते हुए इस पूरे प्रकरण को ग्राहक की ही लापरवाही बता दिया। पीड़ित ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर न्याय दिलाने की मांग की। हालांकि बाद में इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई। 
टीटी.बी. रस्तोगी एसएआर विभाग से रिटायर्ड हैं। उनके खाते से 20 मार्च 2025 की आधी रात को अचानक सवा दो लाख से ज्यादा की रकम गायब हो गई। ठगों ने न सिर्फ उनके खाते में रखी रकम निकाली, बल्कि दो सावधि जमाएं (एफडी) और एक आवर्ती जमा (आरडी) भी तोड़ डाली। पीड़ित के अनुसार 16 हजार 700 फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज प्रा.लि. को और 2.20 लाख कोलकाता स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में राम कुमारी काजल नामक महिला के खाते में ट्रांसफर किए गए। कुछ दिनों बाद 16 हजार 700 वापस आ गए, लेकिन 2.20 लाख अब तक फंसे हुए हैं। पीड़ित ने मामले की शिकायत बैंक ऑफ बड़ौदा में की। उसके बाद रिजर्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल कानपुर को भी पत्र भेजा। बैंक ने अपने जवाब में कहा कि ग्राहक ने ओटीपी और लॉगिन डिटेल साझा की थीा। इसलिए यह उनकी गलती है। पीड़ित का कहना है कि बैंक ने बिना मूल रसीद के आधी रात में एफडी और आरडी कैसे तोड़ दीं? रस्तोगी का कहना है कि इतनी बड़ी रकम आधी रात को बैंक खाते से निकल गई और बैंक के सिस्टम को भनक तक नहीं लगी। यह बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने बताया कि यह रकम उनके पोते अक्षत और तीन वर्षीय पोती आदिवा के नाम से की गई जमाओं की थी। अक्षत के नाम पर 2012 में नामकरण संस्कार के अवसर पर 21 हजार की एफडी कराई गई थी, जो हर बार नवीनीकृत होती रही। आदिवा के नाम पर 1.51 लाख की एफडी और 25 हजार मासिक की आरडी थी। रस्तोगी का कहना है कि कोटक महिंद्रा बैंक को भी जवाब देना चाहिए कि आखिर ऐसे असामाजिक तत्वों के नाम पर खाते कैसे खोले जाते हैं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, ताकि ऐसे साइबर गिरोहों पर नकेल कसी जा सके और आम नागरिकों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके।
पीड़ित ने कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी ईमानदारी से काम किया, लेकिन अब इस अवस्था में इन ठगों ने उनके पोते-पोती का भविष्य लूट लिया। वह अब यह चाहता हूं कि सरकार इस गिरोह को सजा दिलाए और मेरा पैसा वापस मिले। दिल्ली के हस्तक्षेप के बाद इज्जतनगर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रिपोर्ट दर्ज कर ली। उसके बाद इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर सेल की टीम ट्रांजेक्शन के जरिए ठगों के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हुई है।

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