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विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश : 2047 कार्यक्रम
नागरिक अपने सुझाव 05 अक्टूबर तक samarthuttarpradesh.up.gov.in पर भेजें
बरेली,वाईबी एनसंवाददाता।
पूर्व आईपीएस प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग /नोडल अधिकारी सौरभ बाबू, पूर्व आईएएस रामाशंकर मौर्य, आईवीआरआई के पूर्व निदेशक अशोक कुमार वर्मा, रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक अधिकारी अशोक कुमार अरविन्द, आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त जैसे प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में आज विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश, शताब्दी संकल्प@2047 एवं समृद्धि का शताब्दी वर्ष विषय पर प्रगतिशील कृषकों, कृषि छात्रों, कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ के सदस्यों और किसानों के साथ भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान स्थित सभागार में संवाद स्थापित किया गया।
समय के साथ टेक्नोलॉजी को अपनाना मानव विकास का मूल मंत्र
इस अवसर पर पूर्व आईपीएस प्रशांत कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश को 2047 तक विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा करने का उद्देश्य है जो सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के बिना संभव नहीं है। हमारे प्रदेश का सहयोग राष्ट्रीय विकास में लगातार बढ़ा है। शासन और मा0 मुख्यमंत्री जी के भागीरथ प्रयास से सभी सेक्टरों में सर्वागीण विकास हुआ है। 2017 में हम व्यापार करने की सहायक परिस्थितियों में 14वें स्थान पर थे, अब हम दूसरे स्थान पर हैं। ऐसा प्रदेश जहां ज्यादा से ज्यादा लोग खेती पर निर्भर करते हैं वहां बिना किसानों का सहयोग लिये विकास संभव नहीं है। ‘‘समय के साथ टेक्नोलॉजी को अपनाना मानव विकास का मूल मंत्र है।‘‘ विकास और निवेश के लिये सामाजिक सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। बेहतर कानून व्यवस्था और एक अच्छा माहौल व्यापारी/किसानों/महिलाओं सबके लिये आवश्यक है। आप जिस भी कार्य में हैं नवाचारों को अपनाएं और राष्ट्रीय इकोनॉमी में अपना योगदान दें। पुलिस व्यवस्था में भी बहुत नवाचार किये गये हैं, अब किसी घटना की जानकारी होने पर 112 की गाड़ी 08 मिनट में पहुँच जाती है। उन्होंने कहा कि सभी प्रबुद्धजन सहयोग व सुझाव दें, सर्वश्रेष्ठ सुझावों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। यह भी एक नवाचार है आपके सुझाव से विकसित उ०प्र० बनेगा।
प्रोडक्शन के साथ प्रोडेक्टविटी बढ़ाने की बनेगी विस्तृत नीति : नोडल अधिकारी
प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग/नोडल अधिकारी सौरभ बाबू ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि क्षेत्र की विकास दर को बढ़ाते हुए ही हम देश की अर्थव्यवस्था को गति दें पायेंगे। पिछले आठ वर्षों में हमारे प्रदेश की जीडीपी 25 प्रतिशत तक बढ़ी है। प्रतिव्यक्ति आय भी बढ़ी है, निर्यात में भी प्रगति हुई है। विगत पाँच वर्षों में उत्तर प्रदेश राजस्व देने में बढ़ोत्तरी की है। 06 ट्रिलियन इकोनॉमी उ०प्र० को होनी चाहिये, जिससे हम देश को विकसित बनाने में सहयोग प्रदान कर सकें। कृषि के अंतर्गत गेहूं, धान, गन्ना, मिलेट्स, दुग्ध, एथेनॉल उत्पादन बढ़ा है। ऐसी नीति बनायी जाएगी कि प्रोडेक्शन के साथ प्रोडेक्टविटी भी बढ़े। अण्डा, मत्स्य, दुग्ध उत्पादन में भी शीर्ष पर पहुंचने, इसके लिए आपके सुझाव की आवश्यकता है।
सरकार से पशुओं के लिए भी मिले बीमा कवर की सुविधा-आईवीआरआई के पूर्व निदेशक
आईवीआरआई के पूर्व निदेशक अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि 2047 में आप प्रदेश को कहाँ देखना चाहते हैं। इसके लिये आप उक्त क्यूआर कोड के माध्यम से पोर्टल पर अपना सुझाव विभिन्न सेक्टर में दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि सरकार की तरफ से देश भर में पशुओं ने लिए बीमा कवर की सुविधा दी जाए। पशुओं की नस्ल में सुधार व दुग्ध बढ़ोत्तरी को दिशा में कार्य किया जाये। किसानों के उत्पाद बिक्री की व्यापक व्यवस्था की जाए। ताकि उनको अपनी फसल का वाजिब दाम मिल सकें। प्रोसेसिंग प्लांट ग्राम व ब्लाक स्तर पर लगाए जाएं। साफ-सुथरे व्यापार पर भी ध्यान दिया जाए। किसानों को विभिन्न विषयों पर शिक्षित करने हेतु कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन किया जाये। योजनाओं का अनुपालन और मॉनिटरिंग भली प्रकार हो इस पर भी ध्यान दिया जाये।
2047 तक विभिन्न बीमारियों के उन्मूलन के लिए वैक्सीन विकसित कराना मुख्य विजन
आईवीआरआई के वर्तमान निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि आईवीआरआई देश की धरोहर है, जिसे हमने 135 वर्षों से संभाल कर रखा है। आईवीआरआई ने 50 वैक्सीन पालतू एवं गैर पालतू पशुओं हेतु तैयार की हैं। पशुओं सम्बन्धी चार बीमारियों का उन्मूलन किया जा चुका है। आईवीआरआई द्वारा जो लम्पी स्क्रीन डिजीज हेतु वैक्सीन बनायी गयी है उसका प्रयोग सर्वप्रथम मा0 मुख्यमंत्री जी ने गोरखपुर से आरम्भ कराया। वर्तमान में 7700 मॉडल गौशालाओं में 17 लाख गौवंश संरक्षित हैं, सहभागिता योजना के अंतर्गत भी गौवंश पालन हेतु दिये जा रहे हैं। खुरपका-मुहंपका से भी निजात दिलाने के लिये किसान भाइयों को वैक्सीन निशुल्क दी जा रही है, जिससे उम्मीद है कि 2030 तक यह बीमारी दूर हो जायेगी। मॉडल टेक्नोलॉजी के सहयोग से 2047 तक किन-किन बीमारियों हेतु वैक्सीन विकसित कर ली जायेगी यह हमारा विजन है।
भारत को विश्व गुरु बनाने के यज्ञ में सबको आहुति डालनी होगी : जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि यूपी की 25 करोड़ की जनता से सुझाव आए। उनकी ऐसी अपेक्षा है। यह सुझाव एक माह तक क्यूआर कोड स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड किए जा सकते हैं। विश्व गुरू के रुप में हमारा खोया हुआ यश प्राप्त करने के लिए हम सबको अपनी कर्म रूपी आहूति डालनी होगी। भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। देश का जवान व किसान खुशहाल होगा, तभी देश मजबूत होगा। हमारे देश की कृषि विकास दर 2015-16 के सापेक्ष दोगुनी हो चुकी है। 93000 से ज्यादा सोलर पम्पों का आवंटन हुआ है। बरेली में दलहन, तिलहन की फसलों में 56 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। साढ़े 05 लाख किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेजी गयी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि यंत्र, सोलर पम्प, डिजिटल क्राप सर्वे आदि योजनाओं के माध्यम से किसानों के जीवन में समृद्धि लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विगत समय से 12 प्रतिशत यूरिया ज्यादा उपलब्ध करायी है। 14 लाख परिवार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से समृद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कृषक बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि परम्पगत खेती के स्थान पर व्यवसायिक खेती को अपनाएं यह आपको लाभ देंगी और सम्पन्न बनाएगी।
किसानों ने विकसित उत्तर प्रदेश बनाने के लिए दिए सुझाव
किसानों ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि गांवों में संसाधनों की उपलब्धता करायी जाए। किसानों के बच्चे शहर में पलायन ना करें। बच्चों के दबाव में किसान जमीन बेचकर शहर जाने को मजबूर हैं। किसान की जमीन बिल्डर खरीदता है। यही हालात कायम रहे तो देश को खाद्यान्न के लिये विदेशों पर निर्भर होना पड़ेगा। किसान को मौसम की जानकारी के लिए उपकरण दिया जाए। ताकि समय रहते बचाव का8 उपाय कर सके। शासन की नीति के तहत गन्ना किसान एक ही चीनी मिल को गन्ना बेचने को मजबूर होता है। किसान को भी उत्पादित चीनी का शेयर होल्डर माना जाना चाहिए। लेबर की समस्या भी बढ़ती जा रही है। गन्ना मूल्य भुगतान के लिए सख्त कानून बने। गाय के गोबर व गौमूत्र के सदुपयोग करने की दिशा में कार्य किया जाए। ड्रैगन फ्रूट के कृषक द्वारा इसकी खेती को अपनाने का सुझाव दिया गया, उन्होंने बताया कि उनके द्वारा मात्र 100 पौधों से शुरुआत की थी आज 20 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक अजय कुमार साहनी, जिलाधिकारी अविनाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक उपस्थित थे।
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