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दिवाली गिफ्ट : सपाई बोले, लिफाफा अटैची में रखकर भी तो दे सकते थे महापौर, खुलेआम क्यों दिया

दिवाली पर पार्षदों को लिफाफा और अटैची मिलने की चर्चा चारों ओर है। सपा नेताओं का कहना है कि मेयर नोटों का लिफाफा अटैची में रखकर भी दे सकते थे। लेकिन, मकसद बदनाम करना था।

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Sudhakar Shukla
मेयर उमेश गौतम से नोटों का लिफाफा ग्रहण करते हुए पार्षद सतीश कातिब मम्मा

मेयर उमेश गौतम से नोटों का लिफाफा ग्रहण करते हुए पार्षद सतीश कातिब मम्मा

वाईबीएन संवाददाता बरेली।

दिवाली पर नगर निगम के मेयर उमेश गौतम की ओर से भाजपा पार्षदों को नोटों से भरा लिफाफा और अटैची देने की चर्चा पूरे शहर में है। सपा नेताओं ने मेयर उमेश गौतम के ऊपर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मेयर ने नगर निगम के निर्माण और विज्ञापन कार्यों में मिलने वाले कमीशन से ही भाजपा पार्षदों को लिफाफा और अटैची उपहार में दिया है। ये पूरी तरह से गलत और नियम विरूद्ध है। अगर मेयर को नोटों से भरा लिफाफा पार्षदों को देनाही था तो वह अटैची के अंदर रखकर भी दे सकते थे। मगर, मेयर ने ऐसा अपने भ्रष्टाचार को छुपाने और पार्षदों को बदनाम करने के मकसद से किया है। इस तरह के गिफ्ट देने के मकसद की जांच होनी चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि दिवाली के अवसर पर मेयर उमेश गौतम ने भाजपा पार्षदों को नोटों से भरा लिफाफा और अटैची उपहार में दी थी। उसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। उसके बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। सूत्रों के अनुसार नोटों से भरा लिफाफा और अटैची केवल भाजपा पार्षदों को ही दिया गया था। सपा पार्षदों को केवल मिठाई का डिब्बा उनके घर भिजवाया गया। बाकी अन्य दलों जैसे कांग्रेस, बसपा और निर्दलीय पार्षदों को दिवाली गिफ्ट में नोटों का लिफाफा और अटैची चुपचाप उनके घर भिजवाया गया। मेयर उमेश गौतम के इस दोहरे रवैए पर सपा नेताओं ने नाराजगी जाहिर की और उनके तौर तरीके पर सवाल उठाए। नगर निगम में मुख्य विपक्षी दल सपा के पार्षदों ने कहा कि महापौर उमेश गौतम ने खुलेआम नोटों का लिफाफा देकर भाजपा पार्षदों को जनता की नजर में बदनाम कर दिया है। वह अगर अपनी पार्टी के पार्षदों का सम्मान करते तो नोटों का लिफाफा अटैची के अंदर रखकर भी दे सकते थे। अगर मेयर नोटों का लिफाफा अटैची के अंदर रखकर देते तो भाजपा पार्षदों को दिवाली पर अच्छा सा गिफ्ट भी मिल जाता और उनका सम्मान भी बना रहता। लेकिन मेयर का मकसद अपनी पार्टी के पार्षदों को जनता की नजर में सिर्फ बदनाम करना था। इसलिए उन्होंने पहले अपनी पार्टी के पार्षदों को नोटों से भरा लिफाफा और अटैची उपहार के नाम पर दो। फिर उसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल करा दिए। सपा पार्षदों ने मेयर उमेश गौतम द्वारा अपनी पार्टी के पार्षदों को दिवाली पर मंहगा गिफ्ट देने के मामले की जांच की मांग भी की। उनका कहना है कि आखिर इतना महंगा गिफ्ट नगर निगम के किस मद से खरीदा गया। क्या नगर निगम के किसी एक्ट में किसी मेयर द्वारा अपनी पार्टी के पार्षदों को नोटों से भरा लिफाफा और अटैची उपहार में देने का प्रावधान है। अगर कोई ऐसा प्रावधान है तो मेयर और नगर आयुक्त उस एक्ट का हवाला दें। सपा पार्षदों ने कहा कि नगर निगम कार्यकारिणी की अगली बैठक में भाजपा पार्षदों को दिवाली पर दिए जाने वाले नोटों से भरे लिफाफे और अटैची का मामला सदन में उठाया जाएगा। 

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