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खुले में न करें जानवरों की कुर्बानी:अहसन मियां

दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने कहा कि मुसलमान इस सुन्नत को बिना किसी को तकलीफ पहुंचाए खुशदिली के साथ अदा करें।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने कहा कि ईद-ए-कुरबॉ हजरत इब्राहीम अलैहअस्सलाम की सुन्नत है। मुसलमान इस सुन्नत को बिना किसी को तकलीफ पहुंचाए खुशदिली के साथ अदा करें। कुर्बानी का मकसद शोहरत हासिल करना या दिखावा हरगिज नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका मकसद परहेजगारी और नेकी का जज्बा अपने दिल में पैदा करें और नियत सिर्फ अपने अल्लाह को राजी करना हो। दिखावा अल्लाह को पसंद नहीं।

 कुर्बानी के सिलसिले से सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मुल्क भर के मुसलमानों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि यह त्योहार सात से नौ जून तक मनाया जायेगा। इन तीनों दिनों में सूर्यस्त से पहले तक मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देगें। कुर्बानी करते समय अपने हम वतन भाइयों का ख्याल रखें।

जानवरों की तस्वीर व वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न करें

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जानवरों की तस्वीर व वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न करें। वही जानवरों की कुर्बानी खुली जगह में न करे। कही बंद जगह में इसका इंतजाम किया जाए। मज़हब-ए-इस्लाम में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। जानवरों का खून नालियों में न बहाएं व कुर्बानी के बाद उसके अपशिष्ट किसी गड्ढे में दफन कर दें। कोई ऐसा कार्य नही करें जिससे किसी की भावनाएं आहत हो। सभी त्यौहार आपसी इत्तेहाद और भाईचारे का पैगाम देते है। कुर्बानी के हिस्से में गरीबों का खास ख्याल रखें। सज्जादा का यह बयान दरगाह कार्यालय से नासिर कुरैशी की ओर से जारी किया गया है।

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