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भीषण गर्मी में बरेली का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। इतनी तपिश में मनुष्य तो क्या, पशु-पक्षी भी व्याकुल हैं। तालाब और पोखरों को हम मनुष्यों ने पाटकर कब्जे कर लिए। अब पशु-पक्षी गर्मी में पानी पीने कहां जाएं। फिलहाल, राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान ने तपती धूप और भीषण गर्मी में भूख प्यासे पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी का इंतजाम किया है।
राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान की तरफ से कलक्ट्रेट में तपती धूप से परेशान भूखे प्यासे पक्षियों के लिए दाने पानी व्यवस्था की गई। अध्यक्ष बिंदु सक्सेना ने बताया कि मई के महीने में सूर्य के ताप की गति तेज होने से मनुष्य के साथ पशु पक्षी भी परेशान है। वह भूख प्यास की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। मनुष्य तो खाने-पीने की बात बोल सकता है, लेकिन पशु-पक्षी बोल नहीं सकते। गर्मी में पानी न मिलने से पक्षियों की तमाम प्रजातियां लुप्त होती जा रही हैं। पक्षियों का होना मनुष्य के जीवन में बहुत आवश्यक है। कहा जाता है कि पक्षियों की चहचाहट से मनुष्यों के सुनने की शक्ति बढ़ती है। पक्षियों का जीवन मनुष्यों पर निर्भर है। भीषण गर्मी में पक्षियों का जीवन बचाने के लिए मानव सेवा संस्थान के पदाधिकारी मिट्टी के बर्तनों में पानी और प्लास्टिक की कंडिया में चावल, कुंकी, बाजरा, ज्वार, मोटा अनाज के दाने की व्यवस्था करके लाए। यह संस्थान पक्षियों की सेवा लंबे समय से करता आया है। संस्थान आगे भी पशु-पक्षियों की सेवा करता रहेगा, जिससे उनकी सुरक्षा हो। महामंत्री नरेंद्र पाल ने पक्षियों के लिए पेड़ों पर घोसला स्थापित करने के लिए प्लास्टिक की कंडिया लगवाई। उन्होंने मिट्टी के कूड़ो में पक्षियों को पीने के लिए पानी भरवाया और आम नागरिकों से भी ऐसा करने की अपील की। संस्थान की तरफ से शहरवासियों से अपील की गई कि प्रत्येक नागरिक पक्षियों के लिए अपने घर की छत पर, चावल, बाजरा, ज्वार दाना रखने के साथ ही मिट्टी के घड़े में पीने का पानी अवश्य रखें, ताकि पक्षियों का जीवन बच सके। हरी बाबू खंडेलवाल चीनी, मुकेश मेहंदीरत्ता, राकेश कुमार मौर्य, अभय भटनागर, संरक्षक वीरेंद्र प्रसाद खंडेलवाल, डॉ सौरव अग्रवाल, भारतेंद्र सिंह, जे. आर गुप्ता, सदस्य रामकिशोर, डॉ अखिलेश गुप्ता, बबली गुप्ता, मिथुन चौधरी, पूजा पाल, विवेक कश्यप, अमर सिंह, चंद्र प्रकाश, भीकम सिंह, प्रिंस सक्सेना अभियान में शामिल थे।