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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
खालिस्तान समर्थक और वांछित आतंकी कुलवीर सिंह सिद्धू कोरोना काल में करीब 10 महीने यूपी के पीलीभीत जिले के गजरौला थाना क्षेत्र के जप्ती गांव में रहा था। तभी उसने पीलीभीत जिले में अपना नेटवर्क फैलाया था। 10 लाख रुपये के इनामी आतंकी कुलवीर सिंह सिद्धू को पकड़वाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने आम जनता से मदद मांगी है। इसके लिए पीलीभीत जिले के पूरनपुर थाना क्षेत्र में जगह-जगह आतंकी कुलवीर सिंह सिद्धू की तस्वीर लगे पोस्टर लगाए गए हैं।
हरियाणा के यमुनानगर निवासी कुलवीर सिंह सिद्धू कोरोना महामारी के दौरान लगभग 10 महीने तक गजरौला क्षेत्र के जप्ती गांव में रुका था। यहां रहने के दौरान उसने युवाओं के साथ नेटवर्क बनाया और उन्हें विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने संगठन से जोड़ा। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार कुलवीर पर पिछले साल पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता की हत्या करने का आरोप है। इस मामले में भी एनआईए उसे तलाश कर रही है। आशंका जताई गई थी कि वह घटना के बाद विदेश फरार हो गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में सामने आया है कि कुलवीर सिंह सिद्धू पंजाब पुलिस पर हमले के बाद फरार हुए तीन खालिस्तानी आतंकियों गुरविंदर सिंह, जसनप्रीत सिंह और वीरेंद्र सिंह की मदद कर रहा था। उसने इन आतंकियों को पीलीभीत के पूरनपुर इलाके में छिपने का ठिकाना दिलवाया था।
बताते हैं कि कुलवीर सिंह सिद्धू ने फोन के माध्यम से इन तीनों से संपर्क किया और पूरनपुर पहुंचने की सलाह दी थी। उसकी सिफारिश पर ही गजरौला के जप्ती गांव निवासी जसपाल ने आतंकियों के लिए होटल हरजी में कमरा बुक कराया था। पिछले साल 23 दिसंबर को पीलीभीत में हुए एनकाउंटर में तीनों आतंकी मारे गए थे। इसके बाद कुलवीर का कनेक्शन सामने आया था।
जनपद पीलीभीत के पूरनपुर कोतवाली सहित कई स्थानों पर लगाए गए पोस्टरों में कुलवीर की पहचान और इनाम की जानकारी दी गई है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि यदि किसी को भी इस संदिग्ध के बारे में कोई जानकारी मिले तो निर्दिष्ट फोन नंबरों पर संपर्क करें। पुलिस को उम्मीद है कि स्थानीय स्तर पर कुलवीर के बारे में कुछ सुराग मिल सकते हैं, जिससे उसकी गिरफ्तारी संभव हो सके।