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बीडीए से गुलजार मार्केट तुड़वाकर भी करोड़ों के फायदे में हैं भाजपा नेता... दुकानदार सड़क पर

दुकानदारों को अपनी बिल्डिंग से बाहर निकालने के लिए बीडीए से खुद अपनी मार्केट तुड़वाने वाले भाजपा नेता हरीशंकर गंगवार नुकसान के बजाय 14 करोड़ के फायदे में हैं

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बीडीए के एक सजातीय अफसर से मोटी डील करके अपनी खरीदी हुई गुलजार मार्केट खुद तुड़वाने वाले भाजपा नेता हरीशंकर गंगवार ने करोड़ों का यह खेल ऐसे ही नहीं खेल लिया। वह भले ही आम पब्लिक के सामने भले ही विक्टिम कार्ड खेलकर मार्केट टूटने से स्वयं को करोड़ों के नुकसान में होने की बात कर रहे हों। मगर, हकीकत ये है कि भाजपा नेता बीडीए से सांठगांठ करके अपनी मार्केट तुड़वाने के बाद भी तीन गुना फायदे में हैं। यानि कि जितनी रकम लगाकर भाजपा नेता ने दो साल पहले गुलजार मार्केट खरीदी थी। पूरी मार्केट गिराकर दर्जनों दुकानदारों को सड़क पर धकेलने के बाद भी उनको तीन गुना से ज्यादा का फायदा हो चुका है। भाजपा नेता इस खेल में एक ऐसे व्यापारी निकले, जिनकी सटीक प्लानिंग से दर्जनों व्यापारी भले ही सड़क पर आ गए, लेकिन उनको आपदा में भी करोड़ों रुपये कमाने का अवसर मिला। मार्केट ध्वस्त होने के बाद अब सड़क पर वह दुकानदार हैं, जो मार्केट की दुकानों में अपनी दुकानें चलाकर परिवार पाल रहे थे। उनकी दुकानें ध्वस्त हो चुकी हैं। उनके सामने अपने परिवार को पालने का संकट है। 

बीडीए से छह महीने पहले ही कर ली थी मार्केट तुड़वाने की डील 

सूत्रों के अनुसार आईवीआरआई के स्थित गुलजार मार्केट तुड़वाने की डील भाजपा नेता ने बीडीए अफसरों से छह महीने पहले ही कर ली थी। उसी के परिणाम स्वरुप पहले से खाली दुकानों में नई दीवार बनाकर उसमें शटर लगाने की राय भी बीडीए के ही एक इंजीनियर ने भाजपा नेता को दी थी। उसके बाद बीडीए से मार्केट तोड़ने के नोटिस आने लगे। एक व्यापारी का कहना है कि गुलजार मार्केट पर बुल्डोजर चलवाने में बीडीए के एक इंजीनियर के अलावा भाजपा नेता के एक सजातीय अफसर ने भी मोटी डील करवाकर इस खेल में उनकी पूरी मदद की। बीडीए और भाजपा नेता के बीच हुई इस मोटी डील में ढाई दशक से दुकानें चलाकर रोजी-रोटी कमाने वाले दर्जनों दुकानदार सड़क पर आ गए हैं। अब इनके सामने अपने परिवार को पालने का संकट खड़ा हो गया है। 

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न नक्शा दिखाना काम में आया, न कोर्ट के कागज

आईवीआरआई के सामने गुलजार मार्केट काफी पुरानी है। इस मार्केट में डेढ़ से दो दर्जन दुकानें बनी थीं। इनमें तमाम दुकानदार प्रतिदिन अपना व्यापार करके दो जून की रोजी-रोटी कमाते थे। पहले दुकानदारों से मार्केट की दुकानों का किराया रसीद अख्तर नाम के एक व्यक्ति वसूलते थे। एक दुकानदार के अनुसार दो साल पहले भाजपा नेता हरीशंकर गंगवार ने साढ़े छह करोड़ रुपए में पूरी मार्केट खरीद ली। हरीशंकर गंगवार भोजीपुरा में अपना स्कूल भी चलाते हैं। आठ दुकानें तो उन्होंने आपसी समझौते से दुकानदारों से खाली करा लीं। मगर, बाकी दुकानदारों से उनकी बात नहीं बनीं। तमाम दुकानदार दुकानें खाली न करने के लिए कोर्ट से स्टे ले आए। मगर, यह सब काम में नहीं आया। गुलजार मार्केट ध्वस्त होने के बाद दुकानदार सड़क पर आ चुके हैं। 

सजातीय अफसर की मदद से ध्वस्त हुई मार्केट 

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सूत्रों का कहना है कि इसके बाद साल 2024 में भाजपा नेता ने बीडीए के अपने सजातीय अफसर से मिलकर अपनी ही मार्केट बुल्डोजर से तुड़वाने की प्लानिंग बनाई। इसके लिए उन सजातीय अफसर के जरिए ही बीडीए का बुल्डोजर चलवाने की मोटी डील हुई। हालांकि भाजपा नेता यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने नगर निगम के टैक्स अफसरों से डील करके अपने नाम से भारी टैक्स बकाया होने का नोटिस भी मंगवाकर दुकानदारों को दिखाया। जब दुकानदारों ने नगर निगम में जाकर चेक किया तो वहां कोई भी टैक्स बकाया नहीं निकला। मगर, भाजपा नेता का अपनी ही मार्केट पर बीडीए से बुल्डोजर चलवाने का प्लान काम कर गया। बीडीए ने न तो दुकानदारों की बात सुनी। न ही स्टे देखा। व्यापारी मिलने गए तो उनका विवाद भी हो गया। इस विवाद के दो घंटे के बाद ही आठ-दस बुल्डोजर गुलजार मार्केट पर आकर गरजने लगे। तीन घंटे में मार्केट ध्वस्त हो गई। 

क्या कहते हैं दुकानदार 

सर्जिकल एवं साइंटिफिक की दुकान करने वाले बागीश अग्रवाल का कहना है कि सुबह बीडीए वीसी से बात हो गई थी। उन्होंने कहा कि सोमवार को वह व्यापारियों के साथ इस मसले पर बात करेंगे। तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। फिर दो घंटे में ही बीडीए ने पूरी मार्केट गिरा दी। मेरा सामान तक नहीं निकालने दिया। बीडीए के अफसर सिर्फ भाजपा नेता के पक्ष की एक तरफा बात कर रहे थे। किसी ने भी व्यापारियों की एक बात नहीं सुनी। 

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दुकानदार संजीव कुमार का कहना है कि भाजपा नेता ने बीडीए से मिलकर खुद पूरी मार्केट तुड़वाई। बीडीए और नगर निगम से खुद के नाम नोटिस भिजवाते थे। यह सब प्लानिंग के तहत कराया गया। बीडीए में उनके सजातीय अफसर ने इसमें उनकी पूरी मदद की। हम दुकानदार सड़क पर आ गए हैं। कोर्ट से स्टे और उसकी अपील लंबित होने के बाद इस तरह की कार्रवाई हमने जीवन में नहीं देखी। 

 

 

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