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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
योजनाओं के नाम पर चल रही खोदाई शहरवासियों के लिए मुसिबत का सबब बनी हुई है। कब कहां क्या खोद डाला जाए, यह पता नहीं और खोदने के बाद कब तक के लिए छोड़ दिया जाए, इसका अंदाजा लगना मुश्किल है। इस खोदाई के चक्कर में एकतानगर में पाइप लाइन टूट गई, इससे तीन घंटे तक इलाके में पानी नहीं पहुंचा। लोगों को परेशानी हुई तो जलकल विभाग से शिकायत की गई, इसके बाद फटी पाइपलाइन को दुरुस्त कर पानी की सप्लाई शुरू की गई।
बरेली में मुख्यमंत्री ग्रीन रोड (सीएम ग्रिड) योजना के तहत फेज वन में काम चल रहा है। कुष्ठ आश्रम रोड से डीडीपुरम और एकतानगर तक खोदाई का काम चल रहा है। हाल ही में खोदाई के दौरान एकतानगर में पानी की पाइपलाइन टूटने से रात 10 बजे तक पानी बहता रहा था। इस वजह से एक बच्चे की भी जान जाते-जाते बची थी।
बुधवार शाम करीब चार बजे को खोदाई के दौरान एकतानगर में फिर पानी की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान पानी की सप्लाई शुरू हुई तो तेज धार से पानी बहने लगा। शिकायत नगर निगम से की गई तो जलकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और टूटे पाइप की मरम्मत कर सप्लाई को सुचारू किया।
बोतल का पी रहे पानी, नहाने को तो है ही नहीं
पानी के लिए मॉडल टाउन से सटे कीर्तिनगर के लोग सबसे ज्यादा परेशान है। यहां के लोग तीन महीने के लिए पानी के लिए तरस रहे हैं। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि जब से सीएम ग्रिड योजना का काम शुरू हुआ है तब से पानी को तरस गए हैं। कभी सुबह तो कभी शाम को सिर्फ एक घंटे पानी मिलता है। कभी तीन-चार दिन तक पानी नहीं आता। बुधवार को भी पानी की सप्लाई नहीं हुई। इंजीनियर और लाइनमैन को कॉल करो तो उठाते नहीं हैं।
कंट्रोल रूम सिर्फ नाम का, सुनवाई कोई नहीं होती
लोगों का कहना है कि नगर निगम का कंट्रोल रूम सिर्फ नाम का बन कर रह गया है। कंट्रोल रूम में फोन करो तो कोई सुनवाई नहीं होती। थक-हारकर लोगों को पीने के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है। रोजमर्रा की जरूरत के लिए इधर उधर से पानी का जुगाड़ कर रहे हैं। नगर निगम में शिकायत का कोई असर नहीं होता है। इस मामले में नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य का कहना है कि पानी की पाइपलाइन काम के दौरान फटी थी, उसे दुरुस्त करा दिया गया है। जहां पानी की सप्लाई में दिक्कत है, वहां अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं सुन रहा है तो उनसे सीधे शिकायत करें।