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रिपोर्ट लेखन की विधियों, शोध नैतिकता के बारे में बताया

रुविवि प्रबंधन संकाय में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को रिपोर्ट लेखन की विधियों, शोध नैतिकता, और साहित्यिक चोरी से बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

रुविवि प्रबंधन संकाय में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कार्यशाला के प्रथम सत्र का विषय "रिपोर्ट लेखन: साहित्यिक चोरी (Plagiarism) के विशेष संदर्भ में" था, जिसमें प्रतिभागियों को रिपोर्ट लेखन की विधियों, शोध नैतिकता, और साहित्यिक चोरी से बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

"वित्तीय निवेश के विभिन्न माध्यम" विषय पर चर्चा की गई

पहले  सत्र की वक़्ता डॉ दिव्या गोयल असिस्टेंट प्रोफेसर जेपी बिज़नेस स्कूल नॉएडा थी तथा दूसरे सत्र को सीए विकास बंसल ने उद्घोषित किया l द्वितीय सत्र में "वित्तीय निवेश के विभिन्न माध्यम" विषय पर चर्चा की गई। इस सत्र में प्रतिभागियों को पारंपरिक और आधुनिक निवेश विकल्पों, जोखिम प्रबंधन एवं वित्तीय जागरूकता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं। कार्यशाला के समन्वयक के रूप में डॉ. नंदिता शर्मा, सुश्री वैशाली विश्वकर्मा, श्री पुष्पेन्द्र मौर्य एवं नेहा कथेरिया ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. पी.बी. सिंह, प्रो. संजय मिश्रा, प्रो. त्रिलोचन शर्मा एवं डॉ. सौरभ वर्मा भी उपस्थित रहे। सभी गणमान्यजनों ने कार्यशाला की सराहना की और विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों में सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों एवं शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला के संरक्षक कुलपति प्रो. केपी सिंह थे। कार्यशाला का आयोजन संकायाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) तुलिका सक्सेना के नेतृत्व में किया गया।

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