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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
सोशल प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाट्सएप और ऑनलाइन गेम पर ज्यादा समय गुजारने वाले लोग डिमेंशिया, अवसाद, अनिंद्रा, शिजोफ्रेनिया और साइकॉटिक डिसऑर्डर आदि बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इससे उनकी शारीरिक गतिविधियां शून्य होती जा रही हैं। यही वजह है कि दिन पर दिन मानसिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अकेले बरेली जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस साल 5000 से ज्यादा मानसिक रोगी बढ़ गए हैं। इसका खुलासा जिला अस्पताल के मन कक्ष में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या से हुआ है।
काउंसलर के अनुसार इसकी वजह यह है कि ज्यादातर बच्चे और युवा मोबाइल पर ऑनलाइन गेम और सोशल प्लेटफॉर्म पर अपना वक्त ज्यादा गुजार रहे हैं। इस वजह से उनकी शारीरिक गतिविधियां शून्य होती जाती है।
जिला अस्पताल के मन कक्ष में वर्ष 2023 में पहुंचने वाले मानसिक रोगियों की संख्या 16726 थी, जो साल 2024 में बढ़कर 22000 हो गई। मनकक्ष प्रभारी डॉ आशीष के अनुसार बरेली जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 60 से 80 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे भी बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं। वर्ष 2023 में 2488 और 2024 में 3252 ऐसे मनोरोगी सामने आए, जिनकी उम्र 5 से 24 वर्ष के बीच है।
दरअसल सोशल मीडिया पर अधिकांश नकारात्मक कंटेंट रहता है, जो बच्चों के दिमाग पर गहरा प्रभाव डालता है। व्हाट्सएप और फेसबुक से युवा घंटों जुड़े रहते हैं। मोबाइल पर बच्चे घंटों गेम खेलते रहते हैं। जिसका उनके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है।
डॉ. आशीष के अनुसार मानसिक तनाव की वजह से मनोरोगी बढ़ रहे हैं। लोगों को जादू टोना छोड़कर विशेषज्ञ से इलाज करना चाहिए। अक्सर लोग झाड़फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिससे मानसिक रोगी की हालत और बिगड़ जाती है। समय पर कुशल चिकित्सक के पास जाकर इलाज शुरू करना चाहिए।
अभिभावक अपने बच्चों को हेल्दी फूड खिलाएं, योगाभ्यास करें, फल और सब्जियों का ज्यादा सेवन करे। साथ ही दिनचर्या में आउटडोर खेल को भी शामिल करें। मोबाइल का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से करें।