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शादी करने के लिए सनातन धर्म को छोड़ने का दबाव बनाने वाले दो प्रवक्ता, शिक्षक व बैंक कर्मचारी समेत सात लोगों पर प्राथमिकी लिखी गई है। यह कार्रवाई इज्जतनगर के वीर सावरकर नगर निवासी सोमवती देवी के शिकायती पत्र पर की गई है।
उनका आरोप है कि आरोपितों ने पहले अपने परिवार की युवती से उनके बेटे का विवाह तय किया और सगाई के बाद सनातन धर्म छोड़ने का दबाव बनाने लगे। बोले या तो सनातन धर्म छोड़ो या फिर 10 लाख रुपये दो नहीं तो दहेज उत्पीड़न में फंसा देंगे। मामले में युवती के माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों समेत सात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई है।
युवक की मां के शिकायती पत्र पर बदायूं निवासी सात पर प्राथमिकी
इज्जतनगर के वीर सावरकर नगर निवासी सोमवती देवी ने पुलिस को बताया कि वह अनुसूचित जाति की हैं और सनातन धर्म में आस्था रखती है। उनका बेटा मनोज कुमार सिंह प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत है। कुछ समय पूर्व बदायूं निवासी ओमकार सिंह ने अपनी बेटी का विवाह उनके बेटे से करने की बात कही। चूंकि वह पूर्व से परिचित थे इसलिए सलाह-मशविरा के बाद हामी भर दी। सगाई में उन्होंने करीब 3.50 लाख रुपये खर्च किए और शादी की तैयारियों में जुट गई।
पहले की सगाई, बाद में सनातन धर्म छोड़ने का बनाने लगे दबाव
आरोप है कि इसी बीच ओमकार सिंह, उनकी पत्नी सदावती गौतम, बेटी मधु गौतम, बड़ी बेटी उमा गौतम (डायट प्रवक्ता, हाथरस), दामाद अंशुल (बैंक कर्मचारी), बेटा विमल कुमार गौतम (सहायक अध्यापक) और डा. सूर्य प्रकाश गौतम (प्रवक्ता, सहसवान डिग्री कलेज) ने उनसे व उनके बेटे से सनातन धर्म छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। बेटे को फोन पर सनातन धर्म के विरुद्ध अभद्र टिप्पणियां करना व धमकाना शुरू किया। कहा कि यदि नहीं छोड़ा तो दहेज उत्पीड़न के झूठे मुकदमे में फंसा देंगे।
आरोप है कि आरोपितों ने कहा कि या तो सनातन धर्म छोड़कर शादी करो या फिर 10 लाख रुपये दो। मामले में इज्जतनगर पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी लिख ली है।