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गालों मुस्कुरालो वेलफेयर सोसाइटी ने पूरे किए चार वर्ष, ऑनलाइन सिंगिंग से सामाजिक कार्यों तक का सफर

गालों मुस्कुरालो वेलफेयर सोसाइटी ने आज अपनी स्थापना के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सोसाइटी के सदस्य और शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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Sudhakar Shukla
Galo Muskuralo
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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गालों मुस्कुरालो वेलफेयर सोसाइटी ने आज अपनी स्थापना के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सोसाइटी के सदस्य और शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस दौरान सोसाइटी की पिछले चार वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

शौकिया गायकों के लिए मंच और सामाजिक कार्यों में योगदान

गालों मुस्कुरालो वेलफेयर सोसाइटी मुख्य रूप से शौकिया गायकों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन गीत-संगीत के कार्यक्रम आयोजित करती है। अपनी व्यापक स्वीकार्यता को देखते हुए, सोसाइटी को अक्टूबर 2023 में एक पंजीकृत संस्था का रूप दिया गया, ताकि गायन के साथ-साथ अन्य सामाजिक सेवा कार्यों में भी सक्रिय योगदान दिया जा सके।

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कोरोना काल में ऑनलाइन सिंगिंग क्लब की स्थापना

गालों मुस्कुरालो ऑनलाइन सिंगिंग क्लब की स्थापना ठीक चार वर्ष पूर्व, 21 अप्रैल 2021 को कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में हुई थी। जब लोग डर और अकेलेपन के कारण अपने घरों में बंद थे, तब इस क्लब की परिकल्पना लोगों में आत्मविश्वास जगाने और उन्हें ऑनलाइन माध्यम से जोड़कर गाने गाकर मनोरंजन करने के उद्देश्य से की गई थी। इस पहल का मकसद लोगों के अकेलेपन को दूर करना और संगीत थेरेपी के माध्यम से उनके स्वास्थ्य में सुधार लाना था।

बढ़ता कारवां और नियमित आयोजन

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संस्था की निस्वार्थ भावना के कारण धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ते गए और गाना सीखना भी शुरू कर दिया। शुरुआती दौर में, जब सभी लोग घरों में थे, तो कार्यक्रम सप्ताह में तीन बार आयोजित किया जाता था। जनजीवन सामान्य होने पर, अब यह कार्यक्रम प्रत्येक रविवार को आयोजित किया जाता है।

अध्यक्ष का दृष्टिकोण

संस्था के अध्यक्ष अशोक सक्सेना ने कहा कि गाना लगभग सभी को आता है, चाहे वह बॉलीवुड गाने हों, क्षेत्रीय भाषा के गीत हों या लोकगीत। लेकिन आत्मविश्वास की कमी और संकोच के कारण ज्यादातर लोग सबके सामने गाने से हिचकिचाते हैं। इसलिए, यह ऑनलाइन सिंगिंग प्लेटफॉर्म ऐसे लोगों को एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है और उनमें गाने के प्रति आत्मविश्वास फिर से जगाता है।

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विस्तृत कार्यक्रम और व्यापक पहुंच

संस्था ने पिछले चार वर्षों में 246 ऑनलाइन और 14 ऑफलाइन कार्यक्रम आयोजित करके कैरिओके गायन का व्यापक प्रचार-प्रसार न केवल बरेली शहर में, बल्कि देश के अन्य राज्यों और विदेशों में भी किया है। आज इस संस्था से लगभग 180 लोग जुड़ चुके हैं, जो घर बैठे ज़ूम के माध्यम से संगीत का आनंद उठा रहे हैं।

सचिव का योगदान

सचिव अरुण शर्मा ने कहा कि गालों मुस्कुरालो ज़ूम के माध्यम से लोगों को जोड़ने की एक अद्भुत कला है, जिससे लोग घर पर रहकर अपने अन्य कार्यों के साथ-साथ गायन से भी जुड़े रहते हैं। वर्तमान में, विभिन्न शहरों और प्रदेशों से 180 से अधिक लोग इस मंच से जुड़ चुके हैं और प्रत्येक रविवार को 40-45 लोग इसमें शामिल होकर अपनी प्रस्तुति देते हैं।

प्रशिक्षण और मार्गदर्शन

सचिव शर्मा ने स्पष्ट किया कि गालों मुस्कुरालो प्रत्यक्ष रूप से गाने की ट्रेनिंग नहीं देता है, लेकिन यह एक ऐसा माहौल और समुदाय प्रदान करता है जिसमें लोग स्वयं अभ्यास करके बेहतर गाने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही, गाने के ट्यूटोरियल और बुनियादी जानकारी के लिए अलग से साथियों को पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, जिसका अनुसरण करके सभी लोग प्रतिदिन अपने गायन में सुधार ला सकते हैं।

उपस्थित सदस्य

इस अवसर पर कोषाध्यक्ष सत्य प्रकाश ओबेराय, मीडिया प्रभारी विजय शर्मा, विवेक सक्सेना, राजेश अग्रवाल, रागिनी अग्रवाल, बेबी शर्मा, कंचन शर्मा, कैलाश चंद्र शर्मा, नागेश अग्रवाल, बिपिन मेहरा, उदय गोयल, विकास जोहरी, विपिन चंद्र मिश्र, अजयराज शर्मा, रतन शंकर शर्मा, आरती अग्रवाल, पूनम शर्मा, किरण पाठक, माला शर्मा आदि सदस्य उपस्थित रहे।

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