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बरेली, वाईबीएन संवाददाता स्थानीय भाजपा नेता की गुलज़ार मार्केट की बिल्डिंग पर बीडीए के बुलडोजर चलाने का खेल पहले न तो व्यापारियों की समझ में आया। न ही बरेली के आम नागरिकों के। मगर, इस पूरे खेल की परत दर परत सामने आने लगी है। इस खेल में भाजपा नेता तो 100 में 100 नंबर लेकर पास हो गए। लेकिन व्यापारी पूरी तरह से फेल साबित हुए।
बीडीए की तरफ से गुलजार मार्केट की दुकानों के लिए अचानक ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी करना। फिर व्यापारियोंका वीसी से विवाद होना। इसके तुरंत बाद एक साथ 07 बुलडोजर भेजकर भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार की पूरी मार्केट जमींदोज करना। उसमें भी भाजपा नेता का अपनी मार्केट गिराए जाने पर विक्टिम कार्ड का खेल इतनी सफाई से खेला गया कि यह आसानी से तो किसी की समझ में ही नहीं आया। मगर, काफी देर बाद राजनीतिक सूत्रों ने जब इस पूरे खेल से पर्दा उठाया तो बहुत सिर खपाने के बाद ये पूरी कहानी समझ में आई।
अब भाजपा नेता की पुरानी बिल्डिंग पर बीडीए का बिल्डोजर चलने की कहानी समझिए। दरअसल, बरेली के भोजीपुरा में स्कूल चलाने वाले स्थानीय भाजपा नेता ने कुछ साल पहले आईवीआरआई के सामने गुलजार मार्केट की बिल्डिंग साढ़े छह करोड़ रुपए में खरीदी थी। सूत्रों के मुताबिक इस मार्केट में दो दर्जन दुकानें बनी थीं। इनमें दो दशक से ज्यादा समय से काबिज दुकानदार इन दुकानों को खाली नहीं कर रहे थे। जब भी दुकानें खाली करने का नंबर आता तो दुकानों पर काबिज व्यापारी अपने संगठन के जरिए भाजपा नेता को बैकफुट पर धकेल देते थे। सूत्रों का कहना है कि अपनी मार्केट से दुकानदारों को बाहर निकालने के लिए भाजपा नेता ने अपनी मार्केट पर बुलडोजर चलवाने का ऐसा खेल खेला कि अनधिकृत तरीके से काबिज दुकानदारों के कब्जे भी हट गए। कुछ जोर जबरदस्ती भी नहीं करनी पड़ी।
सूत्रों के अनुसार स्थानीय भाजपा नेता ने पार्टी के लखनऊ में संगठन के एक कद्दावर नेता को सेट किया। उसके बाद बरेली में अपनी बिरादरी के माननीय और प्राधिकरण के अपने एक सजातीय अफसर से मिलकर अपनी ही मार्केट पर बुलडोजर चलवाने का ऐसा खेल खेला कि व्यापारियों को इसकी हवा तक नहीं लगी। चूंकि गुलजार मार्केट की दुकानों के नक्शे वैसे ही स्वीकृत नहीं थे। सो, एक सजातीय अफसर के जरिए बात तय हुई कि गुलजार मार्केट पूरी तरह से अवैध है। इस मार्केट पर बीडीए का बुलडोजर चल जाएगा तो व्यापारियों से दुकानें आसानी से खाली हो जाएंगी। सांप भी मर जाएगा। लाठी भी नहीं टूटेगी। फिर आखिर 26 तारीख को वही हुआ। जिसकी प्लानिंग पहले तैयार की गई थी। बीडीए ने पहले गुलजार मार्केट के दुकानदारों को ध्वस्तीकरण के नोटिस भेजे। जब व्यापारियों ने हंगामा काटा तो बिना देर किए पूरी मार्केट सात बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दी। इस खेल में स्थानीय भाजपा नेता की लखनऊ संगठन में बड़े पद पर आसीन एक नेता और एक सजातीय अफसर की पूरी मदद मिली। भाजपा नेता ने साढ़े छह करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उस बुलडोजर चलवाकर भी 14 करोड़ रुपए कमा लिए जबकि दो दशक से मार्केट की दुकानों पर काबिज दुकानदार अपनी रोजी रोटी से भी हाथ धो बैठे।
भाजपा के एक सूत्र बताते हैं कि गुलजार मार्केट की बिल्डिंग गिरने पर जिस तरह से स्थानीय भाजपा नेता ने विक्टिम कार्ड खेलकर खुद को बीडीए से उत्पीड़ित बताया। वह असली सच नहीं था। बल्कि सच यह था कि स्थानीय भाजपा नेता ने अपने एक सजातीय अफसर से मिलकर लखनऊ में पार्टी संगठन के एक बड़े नेता की मदद से पूरी मार्केट को स्वयं ही बुलडोजर से गिरवा दिया। इसकी वजह यह थी कि लंबे समय से काबिज दुकानदारों को मार्केट से बाहर निकालना। बीडीए का बुलडोजर चलने के बाद अब गुलजार मार्केट की जमीन की कीमत और बढ़ गई है। अब इसी मार्केट की जमीन पर प्लाटिंग करना या फिर नई मार्केट बनाना आसान होगा। भाजपा नेता की जमीन अगर प्लाटिंग करके बिकती है तो भी इसकी कीमत 20 करोड़ के आसपास होगी। और नई मार्केट बनती है तब तो उसकी कीमत 50 करोड़ से ज्यादा होगी।
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