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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देशन में एसओजी और कैंट थाना पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे गैंग का खुलासा किया, जो पिछले करीब दो साल में फाइनेंस कंपनियों को करीब छह करोड़ का चूना लगा चुका है। यह गैंग फाइनेंस किए गए ट्रकों के मालिक को रुपयों का लालच देकर उनसे चोरी की रिपोर्ट कोर्ट के माध्यम से दर्ज करवाकर क्लेम ले लेता था। फिर उसी ट्रक के फर्जी कागजात तैयार करके बेच देता था। पुलिस ने इस गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर चोरी ट्रक, फर्जी नंबर प्लेट और कागजात बरामद किए हैं।
पकड़े गए आरोपी अलग-अलग थाना क्षेत्रों के रहने वाले हैं
बरेली पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसपी सिटी मानष पारीक और सीओ सिटी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में शाकिर उर्फ भूरा मास्टर पुत्र चाऊ खां निवासी वार्ड नंबर एक मोहनपुर थाना कैंट, आरिफ पुत्र शब्बीर निवासी गांव मजरिया थाना बहेड़ी, सोहेल पुत्र इरफान अली निवासी गांव पदारथपुर थाना बिथरी चैनपुर, सैफ उद्दीन पुत्र अनीस उद्दीन निवासी मोहल्ला रोहली टोला थाना बारादरी और ईशाक अली पुत्र सूखा शाह निवासी पचदोरा दोरिया थाना भोजीपुरा हैं।
गैंग के सदस्य फाइनेंस कंपनियों को इस तरह लगाते थे चूना
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि यह गैंग पिछले कई सालों से सक्रिय था। पहले ये ट्रक चोरी की वारदातें करते थे। मगर बाद में उन्होंने अपराध का तरीका बदल दिया। इस गैंग के सदस्य ऐसे ट्रक मालिकों को तलाश करते थे, जो ट्रक फाइनेंस कराने के बाद उनकी किश्तें जमा नहीं कर पाते थे। उन्हें रुपयों का लालच देकर ट्रक मालिक या किसी जानने वाले को 10-20 हजार रुपये देकर ड्राइवर बनाकर कोर्ट की मदद से ट्रक चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराकर फाइनेंस कंपनी से सेटिंग करके क्लेम ले लेते थे। इस रकम को ट्रक मालिक और गैंग के सदस्य आधा-आधा बांट लेते थे। आरटीओ कार्यालय में सेटिंग करके उन्हें ट्रकों को फर्जी कागजात तैयार के बेच देते थे। इस तरह गैंग के सदस्य दोहरा मुनाफा लेते थे।
कोर्ट के जरिए दो साल में ट्रक चोरी के लिखाए 50-55 मुकदमे
एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि गैंग के सदस्य पिछले दो सालों में लगभग 50-55 ट्रक चोरी के मुकदमे कोर्ट के जरिए दर्ज करा चुके थे। एक ट्रक चोरी के मुकदमे में फाइनेंस कंपनी से क्लेम के लगभग 15 लाख रुपये मिल जाते थे। गैंग के सदस्य इस तरह सभी मुकदमों में अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों से कुल मिलाकर करीब छह करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचा चुके होंगे।
गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों को तलाश कर रही पुलिस
एसपी सिटी मानुष पारीक के अनुसार ट्रक चोरों के गैंग कीआरटीओ कार्यालय और फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी मदद करते थे। पुलिस गैंग से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी कर रही है। सबूतों के आधार पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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