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हरि मस्जिद में कुरआन मुकम्मल पर जलसा

रमज़ान शरीफ का तीसरा और आखिरी अशरा चल रहा है। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ में कुरआन मुकम्मल होने का सिलसिला जारी है।

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Sudhakar Shukla
Hari Masjid, young bharat
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

रमज़ान शरीफ का तीसरा और आखिरी अशरा चल रहा है। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ में कुरआन मुकम्मल होने का सिलसिला जारी है। इस पवित्र महीने के आखिरी दिनों में इबादत का दौर तेज हो गया है, और रोजेदार रातों में विशेष दुआएं मांग रहे हैं। 

इसी कड़ी में आजमनगर स्थित हरि मस्जिद में कुरआन मुकम्मल होने पर जश्न मनाया गया। हाफिज तस्लीम रज़ा ने तरावीह की नमाज़ में कुरआन शरीफ सुनाकर मुकम्मल किया। इस मौके पर मुतावल्ली इसरार कुरैशी सहित बिलाल कुरैशी, इरफान कुरैशी, अल्बख्श, हाशम कुरैशी समेत बड़ी संख्या में नमाज़ी मौजूद रहे। मस्जिद में विशेष दुआएं मांगी गईं और तबर्रुक तकसीम किया गया।

मस्जिद में नमाज़ियों का इत्र व फूलों के हार से इस्तक़बाल

आफताब कुरैशी,फईम कुरैशी,मुस्तफा कुरैशी सहित बड़ी तादाद में नमाज़ी की मौजूदगी में इमाम और हाफ़िज़ को तोहफों से नवाज़ा गया। उन्होंने कहा कि खुसूसी दुआ में तमाम जाएज़ कोशिशों को अल्लाह कामयाबी अता फरमाए। मुल्क ओ आवाम की तरक़्क़ी खुशहाली हो। कुरआन मुकम्मल की मुबारकबाद पेश करते हुए समाजसेवी पम्मी खां वारसी ने नमाज़ियों से दुआ की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि रोज़ा सब्र की सीख देता है। इंसान को ज़िन्दगी के मुश्किल दौर में भी ठीक ऐसे ही सब्र करना चाहिये। इस उम्मीद के साथ कि मग़रिब की आज़ान होगी।

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