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वन विभाग और लोक निर्माण विभाग के संयुक्त सर्वेक्षण में 2100 पेड़ चौड़ीकरण की जद में आए हैं। इन्हें काटने और नई किसी अन्य जगह पर पेड़ लगाने के लिए वन विभाग ने 4.5 करोड़़ रुपये मांगे हैं।
लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने बरेली से बीसलपुर तक 32.5 किलोमीटर लंबे मार्ग के चौड़ीकरण को प्रस्तावित किया है। प्रस्ताव के अनुरूप सड़क को सात से दस मीटर चौड़ा किया जाना है। चौड़ीकरण के लिए लाइन शिफ्टिंग, पेड़ काटने और यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए क्या-क्या काम होने है। अनुमानित व्यय क्या है। आकलन पांच महीने से चल रहा है। अब अंतिम दौर में है। हाल में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता और वन विभाग की टीम ने संयुक्त निरीक्षण कर उन पेड़ों की गिनती की है जिन्हें काटा जाना जरूरी है। अब इन पेड़ों की भरपाई के लिए दस गुना संख्या में किसी अन्य स्थान पर पौधे लगाए जाएंगे। इस काम में होेने वाला व्यय सड़क चौड़ीकरण की डीपीआर में शामिल होगा।
अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव ने बताया कि भोपाल की एक निजी फर्म को डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। पेड़ कटने और नए पेड़ लगने का आकलन पूरा हो गया है। डीपीआर अंतिम दौर में है। अगस्त के पह ले सप्ताह तक पूरी होने की उम्मीद है।
बिजली लाइन शिफ्टिंग का आकलन पांच महीने बाद भी अधूरा
बिजली लाइन को शिफ्ट करने में होने वाले खर्च का आकलन करने के लिए एनएचएआई के अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा गया था पर पांच महीने बाद भी एस्टीमेट नहीं बन सका। न ही स्थलीय सर्वेक्षण किया गया। नतीजा डीपीआर को अंतिम रूप देने में देरी हो रही है। अधिशासी अभियता ने ब ताया कि प्रस्तावित डीपीआर तभी पूरी होगी जब शिफ्टंग के व्यय का एस्टीमेट भी उसमें शामिल किया जाए।