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पीलीभीत बाईपास स्थित ध्रुव अम्यूजमेंट लिमिटेड फन सिटी पर जीएसटी छापा में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के खेल की पुष्टि हुई है। जांच में दस करोड़ का टर्नओवर छिपाने का पता चला है। मौके पर कारोबारी से 45 लाख रुपये जमा कराए हैं। शेष देय टैक्स की जांच जारी है।
राज्यकर चोरी की सूचना पर जीएसटी एडिशनल कमिश्नर ओपी तिवारी के निर्देश पर सर्च वारंट समेत एसआईबी डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह के नेतृत्व में दो डिप्टी कमिश्नर, छह असिस्टेंट कमिश्नर, चार राज्यकर अधिकारियों की 12 सदस्यीय टीम और 20 पुलिस कर्मियों के साथ फन सिटी पर शनिवार को दस्तावेजों की जांच शुरू हुई। अधिकारियों के मुताबिक फन सिटी जिसका नाम ध्रुव अम्यूजमेंट लिमिटेड के द्वारा एक ही जीएसटी नंबर पर एक वाटर पार्क, एक बैंक्वेट, दो पेट्रोल पंप अन्य मनोरंजन सेवा संचालित मिली। सलाना करीब 53 करोड़ कारोबार दिखाया।
वहीं, इसमें 50 करोड़ की बिक्री करमुक्त दिखाकर 38 लाख रुपये राज्यकर जमा किया था। ऑफिस इंचार्ज ने बताया कि कब, कितना, कैश कौन ले गया ये रिकॉर्ड नहीं रखते। सभी दस्तावेज जब्त कर टैक्स चोरी का आकलन हो रहा है। छापा के दौरान कारोबारी मौजूद नहीं हुए।
फन सिटी पर छापा से माह भर पहले जीएसटी एसआईबी टीम के सदस्य पहचान छिपाकर रेकी कर रहे थे। पता चला कि वाटर पार्क में प्रवेश के लिए प्रति व्यक्ति 650 रुपये लेकर टिकट के बजाय कलाई पर एक बैंड बांधते हैं। जो निकलते समय वापस करना पड़ता है। लॉकर, कॉस्ट्यूम, पार्किंग आदि का बिल ग्राहक को नहीं देते। बिक्री का रिकॉर्ड छिपाकर 18 फीसदी की टैक्स चोरी कर रहे हैं। वाटर पार्क से निकलने वाले ग्राहकों की गिनती में पता चला कि एक दिन में 7.5 लाख मूल्य के 1,168 बैंड की बिक्री हुई। अफसरों ने ग्राहकों से बिल लेने की अपील की है।
फन सिटी के बैंक्वेट हॉल में कारोबारी ने पिछले साल भर में महज 10 आयोजन की बात कही। जबकि इतने में बैंक्वेट के खर्चों का निकल पाना ही संभव प्रतीत नहीं हुआ। लिहाजा, बिजली विभाग और अन्य संस्थानो से सूचना मंगाकर टैक्स चोरी का आकलन की बात कही। वहीं, पार्क के झूले, अम्यूजियम पार्क आदि की बिक्री अलग से है। काउंटर पर एक दिन में करीब 15 लाख रुपये कारोबार का पता चला। अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों का आकलन किया जा रहा है। जिससे अनुमानित टर्नओवर पर और अधिक टैक्स चोरी का पता चलने की संभावना जताई है।