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170 करोड़ रुपये गन्ना बकाया भुगतान का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है। याची केसर इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने संपूर्ण बकाये का 31 जुलाई तक 25 प्रतिशत और 31 दिसंबर 2025 तक ब्याज सहित शेष राशि भुगतान करने की बात कही। वहीं, सहकारी गन्ना विकास समिति ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। अगली सुनवाई 19 जून होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की खंडपीठ ने केसर इंटरप्राइजेज लिमिटेड की याचिका पर दिया। बरेली स्थित केसर इंटरप्राइजेज लिमिटेड पर सीजन 2024-2025 के लिए 170.40 करोड़ बकाया था।
गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश, लखनऊ ने इस राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज सहित कुल 182.3046 करोड़ की वसूली के लिए वसूली प्रमाणपत्र जारी किया था। इस आदेश को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
अधिवक्ता ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को 31 जुलाई तक देय राशि का 25 प्रतिशत भुगतान करने के लिए कहा जाता है तो वह 31 दिसंबर तक ब्याज सहित शेष राशि का भुगतान कर देगा। याची कंपनी धन की व्यवस्था कर रही है। हालांकि, सहकारी गन्ना विकास समिति के अधिवक्ता ने 31 जुलाई तक देय राशि का 50 प्रतिशत भुगतान करने की मांग की। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों को अपने संबंधित मुवक्किलों से आगे के निर्देश लेने का निर्देश दिया।