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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। आम लोगों के साथ ही डॉक्टर और पुलिसवालों को हनीट्रैप में फंसाकर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह की सरगना माधुरी पाल एक बार पुलिस को गच्चा दे गई। वह लंबे समय से उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगी बारादरी पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर गई। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
बरेली के बारादरी थाने में माधुरी पाल के खिलाफ हनीट्रैप गैंग चलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। गैंग की एक सदस्य ममता दिवाकर उर्फ मधु को पुलिस पीलीभीत बाईपास पर डोहरा पुल से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस को लंबे समय से माथुरी की तलाश थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही थीं लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर निकल जाती थी। बतातें हैं कि पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते उसने खुद को कोर्ट के हवाले कर दिया।
पहले हुस्न के जाल में फंसाते थे फिर अश्लील वीडियो बनाकर करते थे ब्लैकमेल
यह शातिर गैंग पहले लोगों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर कमरे पर बुलाता था फिर नशीला पदार्थ पिलाकर उनके अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करके मोटी रकम वसूलता था। इस गैंग के खिलाफ तीन अप्रैल 2024 को नवाबगंज के शाहपुर निवासी एक युवक ने बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
युवक के मुताबिक माधुरी पाल, ममता दिवाकर ने उसे कॉल करके रीना के कमरे पर बुलाया। जहां उसे कॉल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। जब वह बेहोश हो गया तो उसके अश्लील फोटो और वीडियो बना लिए। इसके बाद अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठ ली।
युवक की शिकायत पर पुलिस ने डोहरा पुल से ममता दिवाकर को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था। हालांकि जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद ममता ने फिर यह धंधा शुरू कर दिया है।
डॉक्टर ने हनीट्रैप गैंग की प्रताड़ना से कर ली थी आत्महत्या
हनीट्रैप गैंग ने सिर्फ आम लोगों को ही अपना शिकार नहीं बनाया, बल्कि डॉक्टर और पुलिसवाले भी इसका शिकार बन चुके हैं। आसपास के कई जिलों में इस गैंग ने अपना जाल बिछा रखा है। बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक डॉक्टर ने हनीट्रैप गैंग की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।
खाकी को भी बनाया शिकार, पुलिस की मिलीभगत भी आई सामने
आम हो या खास इस गैंग ने किसी को नहीं बक्शा। करगैना के एक रिटायर्ड दरोगा को फंसाकर इस गिरोह ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए लाखों की रकम झटक ली थी। मुरादाबाद के एक ट्रेनी दरोगा को भी जाल में फंसाकर 50 लाख रुपये मांगे थे। रुपये न देने पर फर्जी मामले में फंसाने के धमकी दी थी। इस मामले में दरोगा के पिता ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
वहीं परसाखेड़ा के एक उद्यमी को हनीट्रैप गैंग में फंसाकर तत्कालीन किला चौकी इंचार्ज ने वसूली की कोशिश की थी। इस मामले में उद्यमी की शिकायत पर चौकी इंचार्ज और सिपाही समेत कई कथित पत्रकारों के खिलाफ किला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।