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शांति से मेरी मांगें मान लो , धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर मत करो... जानिए, किस संगठन ने कह दी इतनी बड़ी बात

जनरल इंश्योरेंस पेंशनर ऐसोसिएशन नार्दन जोन की बरेली यूनिट की आमसभा का आयोजन किया गया।  संस्थान के महासचिव श्याम माथुर ने जयपुर एवं सचिव रजनीश पाण्डेय ने दिल्ली से आ कर भाग लिया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता। जनरल इंश्योरेंस पेंशनर ऐसोसिएशन नार्दन जोन की बरेली यूनिट की आमसभा का आयोजन किया गया।  संस्थान के महासचिव श्याम माथुर ने जयपुर एवं सचिव रजनीश पाण्डेय ने दिल्ली से आ कर भाग लिया। सभा की अध्यक्षता बरेली के वरिष्ठ नेता विजय मल्होत्रा ने की।

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अनिल कांत सक्सेना ने सेवानिवृत साथियों का स्वागत करते हुए बरेली यूनिट की उपलब्धियो से अवगत करवाया। उसके बाद महासचिव श्याम माथुर ने पेंशनर ऐसोसिएशन के गठन के उपरांत प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख किया। उसके बाद उन्होंने तीन प्रमुख मांगे संगठन की तरफ से सरकार के सामने रखी और कहा कि समय रहते शांतिपूर्वक उनकी मांगों को मान लिया जाए। अन्यथा संगठन को धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ये मांगे इस प्रकार हैं। 

1. स्टाफ मेडिक्लेम पॉलिसी में सेवारत कर्मचारियों को प्रीमीयम में मिलने वाले डिस्काउंट को सेवानिवृत कर्मचारियों को दिलवाया।
2. जीवन प्रमाण पत्र आनलाइन सुविधाएं दिलवाई 
3. मेडीक्लेम पालिसी का प्रीमियम आनलाइन जमा करवाने की सुविधा दिलवाई 

उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 में पेंशन योजना लागू होने के बाद आजतक पेंशन अपडेशन की सुविधा नहीं दी गई। पेंशन केन्द्रीय कर्मचारियों, आरबीआई, राज्य सरकार के सेवानिवृत कर्मचारियों को उपलब्ध करवाई गई। परंतु, केन्द्रीय कर्मचारियों की पैंशन योजना के अनुरूप पैंशन योजना होने के उपरांत भी सार्वजनिक बीमा कंपनी में इसे लागू नहीं किया गया।

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फैमिली पेंशनर्स के लिए लंबित योजनाएं बनीं चिंता का विषय

फैमिली पेंशनर की भी आजतक बैंक, एलआईसी और केन्द्रीय कर्मचारियों के बराबर 30% पेंशन सुविधा लम्बित हैं। जिससे इन फैमिली पेंशनर की स्थिति बहुत चिंताजनक है। श्याम माथुर ने बताया कि एक ओर केन्द्रीय सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए विविध योजनाएं बना रही हैं। परन्तु, हमारे संस्थान में महिलाओं को आर्थिक रूप से सश्रम बनाने पर ध्यान नहीं दे रही हैं। कहा कि बीमा कंपनीयों ने लिखित रूप से सरकार को आश्वासन किया है कि इसके क्रियान्वयन में सरकार से किसी प्रकार के आर्थिक सहयोग की आवश्यकता भी नहीं है। कम्पनियां अपने उपलब्ध साधनों से उसका प्रबंध किया जाएगा।
इसी प्रकार केन्द्रीय कर्मचारियों को 80 वर्ष की आयु के बाद बढ़ाई जाने वाली पैंशन योजनाऐं का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

मेडिक्लेम प्रीमियम जो सेवानिवृत व्यक्ति स्वयं वहन कर रहा है उस पर भी सरकार द्वारा 18% जीएसटी वसुला जा रहा है जिसे भी समाप्त करने की मांग की गई है। सरकार से मांग की गई कि साधारण बीमा कंपनीयों के सेवानिवृत कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निवारण करें। जिससे इन वरिष्ठ नागरिकों को धरना प्रदर्शन के लिए मजबुर नहीं किया जाएं। रजनीश पाण्डेय, संगठन के गठन एवं इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अनिल कांत सक्सेना ने आव्हान किया कि सेवानिवृत साथियों कोमजबूत करने के लिए  संगठन से जुड़े। विजय मल्होत्रा ने  धन्यवाद ज्ञापित किया।

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