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बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने घंटों नजरबंद रखा। नजरबंदी के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने देश की मौजूदा हालात पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने कहा कि मुल्क के हालात बेहद खराब हैं, मदरसों और मजारों पर बुल्डोजर चलाए जा रहे हैं, मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
मौलाना तौकीर रजा ने कहा, “कुछ लोग हमारे बच्चों को मार रहे हैं। हम विरोध में गिरफ्तारियां देना चाहते थे। पहले मैं 11 लोगों के साथ गिरफ्तारी देने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाज़त नहीं दी।” उन्होंने चेतावनी दी कि, “आज 11, कल 72, फिर 313, उसके बाद 917 और अंत में पूरे मुल्क में गिरफ्तारी दी जाएगी। यह आंदोलन अब थमने वाला नहीं है।”
मौलाना ने कहा कि उन्हें भारतीय संविधान पर पूरा भरोसा है, और वे संविधान की रक्षा के लिए ही संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस-प्रशासन खुद संविधान की धज्जियां उड़ा रहा है। उन्होंने कहा, “अदालत के आदेश के बिना बुल्डोजर चलाए जा रहे हैं। बच्चों पर अत्याचार हो रहे हैं। गोलियां और लाठियां चलाई जाती हैं। आज भी पुलिस अंग्रेजों के बनाए मैनुअल पर काम कर रही है, जिसमें पहले देशप्रेमियों पर वार होते थे, आज वही मुस्लिम देश प्रेमियों के साथ हो रहा है।”
मौलाना ने सीधे तौर पर सरकार पर आरोप लगाया कि वह “हिंदू बनकर शासन कर रही है, न कि मुख्यमंत्री के पद की गरिमा के अनुरूप।” उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध सभी को बराबर माना जाना चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार धार्मिक तटस्थता की भावना को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मौलाना तौकीर रजा ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “कानून-व्यवस्था को सुधारने की बजाय पुलिस खुद उसे बिगाड़ने का काम कर रही है। मौलाना की यह बयानबाज़ी उनके नजरबंदी के दौरान आई, जब वह गिरफ्तारी देने की योजना बना रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस घटनाक्रम के बाद जिले में प्रशासन सतर्क हो गया है।