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Bareilly News: माधोबाड़ी में चल रहा था अवैध कीटनाशक का धंधा, माचिस फैक्ट्री के गोदाम में मिले कीटनाशक दवाओं को नकली रैफर

बरेली शहर के मोहल्ला माधोबाड़ी में नकली कीटनाशक दवाओं के धंधे का खुलासा हुआ है। बारादरी पुलिस ने माधोवाड़ी स्थित पुरानी माचिस फैक्ट्री के भीतर संचालित एक गोदाम से हजारों की संख्या में कई कीटनाशक कंपनियों के फर्जी रैपर बरामद किए।

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Sanjay Shrivastav
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली शहर के मोहल्ला माधोबाड़ी में नकली कीटनाशक दवाओं के धंधे का खुलासा हुआ है। बारादरी पुलिस ने माधोवाड़ी स्थित पुरानी माचिस फैक्ट्री के भीतर संचालित एक गोदाम से हजारों की संख्या में कई कीटनाशक कंपनियों के फर्जी रैपर बरामद किए। यह छापा कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि प्रेमचंद शर्मा की सूचना पर मारा गया।

नकली कीटनाशक भरने को खरीदे गए थे खाली रैपर

पुलिस ने गोदाम संचालक अर्पण अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सिजेंटा, एफएमसी इंडिया, कोर्टेवी, धानुका, वायरक्रॉप और पायनियर जैसी नामचीन कृषि कंपनियों के प्रोडक्ट रैपर बड़ी संख्या में यहां रखे गए थे। 

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आरोपी गोदाम मालिक अर्पण अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर

बारादरी थाने में बड़ी कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड के सहायक प्रबंधक प्रेमचंद शर्मा की तहरीर पर आरोपी कारोबारी अर्पण अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि यह रैपर पूरी तरह अवैध हैं, और इनका उपयोग केवल मूल निर्माण कंपनियों द्वारा किया जा सकता है।

नकली कीटनाशक के धंधे से नेटवर्क का हो सकता है खुलासा

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पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नकली कीटनाशक बनाने वाले गिरोह इन रैपरों को बाजार से खरीदने और उनके जरिए नकली उत्पादों को असली ब्रांड की तरह पैक करके किसानों को बेचते हैं। यह एक तो फसलों के लिए खतरनाक है, दूसरे देश की खाद्य सुरक्षा पर सीधा हमला है। पुलिस आरोपी अर्पण अग्रवाल से पूछताछ कर रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन रैपरों को किससे खरीदा गया और आगे किसे सप्लाई किया जाना था। 

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