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नाथ नगरी बरेली के रामपुर बाग स्थित आनंद आश्रम ज्येष्ठ मास के अंतिम बड़ा मंगलवार को श्री हनुमान कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाल रामायण के रचयिता डॉ दीपंकर गुप्त ने सिद्ध सनातन हिंदू धर्म में ईश्वर विभिन्न रूपों में समय-समय पर विभिन्न युगों में प्रकट होते हैं । वे कभी साकार रूप में अवतरित होते हैं तो कभी निराकार चिन्मय रूप में। परंतु उनका किसी भी रूप में संसार में आना संतों का संरक्षण और असुरों का अंत कर धर्म की रक्षा करना रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी का संपूर्ण चरित भक्ति, शक्ति, सेवा, संयम, संस्कार, तप, त्याग शौर्य आदि का उदात्त प्रतिरूप है। वह कालों के काल महाकाल हैं। काल और अकाल से परे हैं। वे संकटमोचन हैं और उनके स्मरण मात्र से संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान चालीसा के पठन-पाठन के साथ उसे जीवन में आत्मसात करने से भक्तों की रति, मति और गति स्थिर बनी रहती है।
डॉ दीपंकर ने कहा कि मानव जीवन, आदर्शों के साथ विवेकमयी आचरण करता हुआ श्रेष्ठ पद का अनुगामी बनता है, और वह अपने इस लोक के साथ परलोक में भी पुण्य का भागी बनता है। चाहे बाल हो, युवा, वृद्ध या फिर नारी कोई भी हो हनुमान चालीसा सभी के लिए पठनीय, अनुकरणीय एवं वंदनीय है। वह बच्चों में शिक्षा के साथ अनुशासन संस्कृति और संस्कारों को जगाता है, तथा बड़ों को विवेकशील बनाता है।
इस अवसर पर संगीतज्ञ उमेश चंद्र गुप्ता, बृजेश कुमार, पूरनलाल की सराहनीय सहभागिता रही। पंकज अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित और रामदरबार पर माल्यार्पण कर कथा प्रारंभ कराई। इस अवसर पर अनिल कुमार अग्रवाल, प्रेमशंकर अग्रवाल, नरसिंह मोदी, शशिकांत मोदी, रजनीश अग्रवाल, छत्रपाल शर्मा, देश दीपक शर्मा एवं मंदिर पुरोहित सचिन शास्त्री आदि की सराहनीय उपस्थित रिं।