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अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय तृतीय ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की अदालत में सोमवार को बार कोषाध्यक्ष अधिवक्ता जयपाल कश्यप और उनकी जूनियर चंद्रकली कश्यप ने भरण-पोषण संबंधी वाद में सुनवाई के दौरान वादी अलीशा को पीट दिया।
दोनों उसे पीटते हुए कोर्ट के बाहर ले गए। न्यायाधीश और उनके पेशकार वरुण पांडेय समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन दोनों अधिवक्ताओं ने एक न सुनी। न्यायाधीश ने दोनों अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उप्र राज्य विधिज्ञ परिषद और परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को लिखा है।
अलीशा बनाम सलमान मामले की सुनवाई चल रही थी
अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय तृतीय की अदालत में सोमवार को फतेहगंज पश्चिमी थाने के भरण-पोषण संबंधी अलीशा बनाम सलमान मामले की सुनवाई चल रही थी। दोपहर दो बजे के बाद इज्जतनगर थाना क्षेत्र के फरीदपुर चौधरी निवासी फहीम की गवाही पेशकार वरुण पांडेय लिपिबद्ध कर रहे थे। अपर प्रधान न्यायाधीश की ओर से राज्य विधिज्ञ परिषद और परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वादी अलीशा जोर-जोर से गवाह के लिए कुछ बोल रही थी, लेकिन उसने अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
वह और पेशकार वादी को चुप कराने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान जयपाल कश्यप और उनकी जूनियर वकील चंद्रकली कश्यप अलीशा को पीटने लगे। अलीशा ने अधिवक्ता को चप्पल फेंक कर मारी, लेकिन वह उनको नहीं लगी।
इसके बाद अधिवक्ता अलीशा को पीटते हुए कोर्ट के बाहर ले गए। अपर प्रधान न्यायाधीश ने लिखा है कि वह लगातार अधिवक्ता को रोकने की कोशिश करते रहे, लेकिन वह नहीं माने। अधिवक्ता का कृत्य आपत्तिजनक, अशोभनीय, क्षाेभजनक और लज्जाजनक है।
इससे न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंची है। ऐसे में दोनों अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसा कृत्य न हो।
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