/young-bharat-news/media/media_files/2025/01/26/8ANzLnHEoA8DspKTqYSC.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि क्षय रोग (टीबी) एक गंभीर बीमारी है। लम्बे समय से जन सामान्य की स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। यह बीमारी 21वीं सदी के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। विश्व के टीबी मरीजों की जनसंख्या का एक चौथाई हिस्सा भारत में पाया जाता है। भारत के टीबी मरीजों की संख्या का पांचवा भाग उत्तर प्रदेश राज्य में है।
इसे भी पढ़ें-एडीजी रमित शर्मा को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक
प्रधानमंत्री मोदी वर्ष-2018 में विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर पर वर्ष-2025 तक भारत देश से टी०बी० उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यदि शुरू से ही सही और पूरा इलाज किया जाये तो यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। टीबी के 01 रोगी का इलाज न करवाया जाये तो एक साल में 15 नये मरीज बना सकता हैं। क्षय रोग का सम्पूर्ण जाँचे एवं उपचार सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। वर्ष-2024 में जनपद बरेली में 20329 क्षय रोगी खोजे गये हैं। अच्छा पोषण लेने से यह बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा रोगी को माह नवम्बर 2024 से रुपया 1000 प्रतिमाह की दर से उपचार पूर्ण होने तक पोषण हेतु धनराशि बैंक खाते में हस्तांतरित की जा रही है।
इसे भी पढ़ें-बरेली में 500 करोड़ के बिजली बिल बकाया एक लाख से अधिक बकाया पर कटेगा कनेक्शन
क्षय रोगी को भावनात्मक सहारा देने के लिये समाज से निक्षय मित्र (दानकर्ता) के रूप में आगे आये। बरेली जनपद में वर्तमान में इलाज ले रहे क्षय रोगियों को जनपद के निक्षय मित्रों द्वारा 7635 पोटली प्रदान की गई है। क्षय रोगी को पोषण पोटली में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराये जाते है।
इसे भी पढ़ें-फर्जी दस्तावेजों से कराया प्लॉट का बैनामा, एफआईआर दर्ज
टीबी रोग की गंभीरता को समझते हुए सरकार द्वारा इसके उन्मूलन के लिये 100 दिनों का एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है जो दिनांक 24 मार्च, 2025 तक चलेगा। अभियान में उच्च जोखिम वाली निम्नवत् जनसंख्या पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ‘‘60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कुपोषित व्यक्ति, मधुमेह रोगी, धूम्रपान एवं नशा करने वाले, टीबी रोगियों के साथ रहने वाले, इलाज पूरा कर चुके टीबी रोगी, एच०आई०वी० ग्रसित, मलिन बस्ती में रहने वाले लोग है।
इसे भी पढ़ें-जब साहब के खर्चे हैं बेकाबू तो कैसे रिलीव हो बाबू
‘‘टीबी के लक्षण- दो हफ्तों से अधिक खांसी, बार-बार बुखार का आना, रात में पसीना आना, मुँह से खून आना, सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, वजन कम होना, भूख न लगना, थकान रहना, गर्दन में गांठ आदि है।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्य में भागीदारी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकती है। आपकी जानकारी में टी0बी0ग्रसित लोग हैं। उन्हें टीबी के इलाज कराने के लिये जागरूक करें। टीबी रोगियों को प्रदेश सरकार द्वारा जो धनराशि दी जा रही है उससे वह पोषक आहार खाएं, जिससे वह जल्द से जल्द ठीक हो सकें।