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वैज्ञानिक विधि से पशुधन उत्पादकता में सुधार संबंधी जानकारी दी

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की ओर से गोद लिए फरीदपुर के कैरुआ गांव में प्रौद्योगिकी दिवस आयोजित हुआ। ग्रामीणों और किसानों को आईटीएमयू प्रभारी डॉ. बब्लू कुमार ने वैज्ञानिक विधि से पशुधन उत्पादकता में सुधार संबंधी जानकारी दी।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की ओर से गोद लिए फरीदपुर के कैरुआ गांव में प्रौद्योगिकी दिवस आयोजित हुआ। ग्रामीणों और किसानों को आईटीएमयू प्रभारी डॉ. बब्लू कुमार ने वैज्ञानिक विधि से पशुधन उत्पादकता में सुधार संबंधी जानकारी दी।

उन्होंने वैज्ञानिक विधि  को अपनाकर पशुधन उत्पादकता में सुधार के महत्व को रेखांकित किया। चार प्रमुख गतिविधियाँ आयोजित की गईं – प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी, किसान गोष्ठी, पशु स्वास्थ्य शिविर और इनपुट वितरण। इस कार्यक्रम में कैरूवा और आस-पास के गाँवों से लगभग 80-90 किसानों ने भागीदारी की। किसानों को विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष संवाद, पशु चिकित्सा सेवाएँ और विभिन्न प्रौद्योगिकियों की जानकारी प्राप्त हुई।


प्रदर्शनी में आईवीआरआई द्वारा विकसित अत्याधुनिक टीके, त्वरित रोग पहचान किट, उन्नत आहार संयोजन, खनिज मिश्रण, और पशुपालन को लाभप्रद बनाने वाली सरल उपकरणों का जीवंत प्रदर्शन किया गया। ये तकनीकियाँ प्रजनन क्षमता, रोग प्रबंधन और पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से विकसित की गई हैं। डॉ. एम.के. सिंह ने किसानों को इन तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

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परजीवी संक्रमणों के प्रभाव और उनके नियंत्रण के उपायों पर किसानों को जागरूक किया

पशु स्वास्थ्य शिविर के दौरान डॉ. हीरा राम, प्रधान वैज्ञानिक ने परजीवी संक्रमणों के प्रभाव और उनके नियंत्रण के उपायों पर किसानों को जागरूक किया। उन्होंने पशुओं की मल जांच कर उचित दवाएँ लिखी  वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उज्ज्वल डे ने पशु रोगों की रोकथाम, प्रारंभिक निदान और उपचार विधियों पर विस्तृत जानकारी दी।डॉ. ब्रजेश कुमार ने बांझपन और कृत्रिम गर्भाधान (एआई) की तकनीक पर जानकारी साझा की। उन्होंने एआई के माध्यम से नस्ल सुधार के लाभ बताए और विद्यार्थियों के साथ मिलकर पशुओं का अल्ट्रासोनोग्राफिक परीक्षण किया तथा बांझपन के संभावित कारणों की पहचान व समाधान पर चर्चा की। इस अवसर पर किसानों को खनिज मिश्रण भी वितरित किए गए। किसानों ने वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों से उत्साहपूर्वक बातचीत की, अपने अनुभव साझा किए और समस्याओं के समाधान प्राप्त किए।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. अनुज चौहान का समन्वय रहा। इस अवसर पर वीर सिंह (एसीटीओ),सूरज (तकनीशियन) तथा डीम्ड यूनिवर्सिटी के छात्र मौजूद थे।

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