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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की सख्त कार्रवाई के बावजूद बरेली में घूसखोर बाज नहीं आ रहे हैं। मंगलवार 15 अप्रैल को एंटी करप्शन टीम ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। एंटी करप्शन टीम ने खादी ग्रामोद्योग विभाग के इंस्पेक्टर आदित्य कुमार को रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया। इंस्पेक्टर ने सर्वे के नाम पर 20 हजार रुपये घूस मांगी थी।
पीड़ित मुख्तार अहमद अंसारी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन के सीओ यशपाल सिंह से की थी। उन्होंने मामले की पहले गोपनीय जांच कराई। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार करने की योजना बनाई। मंगलवार सुबह करीब 11:53 बजे एंटी करप्शन की टीम आरोपी के बताए स्थान पर पहुंची। पीड़ित ने घूस के बदले पाउडर लगे रुपये ग्रामोद्योग के इंस्पेक्टर को दिए। तभी एंटीकरप्शन की टीम ने आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया।
हथकरघा क्लस्टर तैयार कराने के सर्वे के नाम पर मांगी थी घूस
लखनऊ के गोमतीनगर इलाके का रहने वाला आरोपी इंस्पेक्टर आदित्य प्रकाश बरेली में तैनात है। उसने ग्राम भगवन्तापुर के बुनकरों के लिए हथकरघा क्लस्टर तैयार कराने के सर्वे के नाम पर 20 हजार रुपये की घूस मांग की थी। टीम ने आरोपी को बारादरी थाने ले जाकर पूछताछ की। उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दे दी गई है।
बरेली में पहले भी पकड़े जा चुके हैं घूसखोरी के आरोपी
चार अप्रैल 2025 को एंटी करप्शन टीम ने चकबंदी लेखपाल महावीर सिंह को घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा था। उसने सहायक चकबंदी अधिकारी तृतीय के कहने पर वारिसान दर्ज करने के बदले एक किसान से 25 हजार रुपये रिश्वत ली थी।
20 फरवरी को बिथरी चैनपुर के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अवनीश प्रताप सिंह के चालक वीरपाल को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। बीईओ ने प्रधानाध्यापक से रुका वेतन निकलवाने के नाम पर घूस मांगी थी।
छह जनवरी 2025 को मारपीट के मामले में गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर 50 हजार की घूस लेते दरोगा दीपचंद को एंटी करप्शन की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। दरोगा ने मुकदमे से नाम निकालने को कहा था।
तीन जनवरी 2025 को आईटीआई के अनुदेशक कृष्ण कुमार गुप्ता को टेबलेट देने के नाम पर चार हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। पीड़ित छात्र की शिकायत पर टीम ने यह कार्रवाई की थी। शासन की ओर से यह टेबलेट निशुल्क दिया जाना था।