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वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज, बंथरा,शाहजहांपुर में एमबीबीएस अंतिम वर्ष के 96 छात्रों को जनरल मेडिसिन के प्रैक्टिकल में फेल करने के मामले में रुविवि ने दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की, बल्कि कॉलेज को भी दोषी मानते हुए प्रति छात्र 10 हजार रुपये के हिसाब से जुर्माना लगाया है। छात्रों से इस परीक्षा के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
फेल छात्रों ने जब इस पर आपत्ति जताई और यूनिवर्सिटी को शिकायत भेजी, तब कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने एक जांच समिति गठित की। समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि आंतरिक परीक्षकों ने जानबूझकर छात्रों को फेल किया। इतना ही नहीं, कॉलेज प्रशासन ने शिकायतों को नजरअंदाज किया और संबंधित शिक्षक को ही नंबर अपलोड करने की जिम्मेदारी सौंप दी। विभागाध्यक्ष डॉ. धनकर ठाकुर की सेवा समाप्त कर दी, जबकि आंतरिक परीक्षक डॉ. विवेक कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया गया।
रुविवि ने तय किया है कि इच्छुक छात्रों की दोबारा से प्रैक्टिकल परीक्षा कराई जाएगी। यह परीक्षा यूनिवर्सिटी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक प्रो. आलोक श्रीवास्तव और डॉ. आभा त्रिवेदी की निगरानी में होगी। परीक्षा के लिए कॉलेज को अपने खर्चे पर यूनिवर्सिटी को डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा।