/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/10/YEhBCcbZGShWoQu2yhFx.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी 'विकसित भारत कृषि संकल्प अभियान' के तहत, भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), इज्जतनगर, के वैज्ञानिकों की टीम आज बरेली के बिहारीपुर अब्दुलरहमान, क्योंलड़िया और मधु नगला गांवों में पहुंची। यहाँ उन्होंने किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया, जिससे उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं से रू-ब-रू कराया जा सके। इस टीम के साथ आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त, संयुक्त निदेशक (शोध) डॉ. एस.के. सिंह और संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रूपसी तिवारी भी मौजूद रहे।
इस अभियान के तहत आईवीआरआई अब तक 500 गांवों के लगभग 30 हज़ार किसानों को जागरूक कर चुका है। संस्थान की कुल 108 टीमें इस काम में लगी हुई हैं, जो हर दिन किसानों को नई तकनीक से जोड़ने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान कर रही हैं। सरकार के इस अभियान से हर रोज़ हजारों की संख्या में लोग जुड़ रहे हैं, जो कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने इस अवसर पर कहा कि "कृषि विकसित संकल्प अभियान देश के प्रधानमंत्री और भारत सरकार द्वारा वर्ष 2047 में इस देश को विकसित भारत बनाने के सपने को साकार करने के लिए माननीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में पूरे देश में चलाया जा रहा है।" उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे देश के वैज्ञानिकों और किसानों का सीधे संवाद हो, और संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों का प्रदर्शन किया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने किसानों से भी आग्रह किया कि वे अपनी परंपरागत रूप से विकसित नवीन पद्धतियों को संस्थान के वैज्ञानिकों से साझा करें। डॉ. दत्त ने बताया कि संस्थान की 108 वैज्ञानिक और 504 कर्मचारी तथा कृषि वैज्ञानिक बरेली, बदायूं और रामपुर के जनपदों में जाकर किसानों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
संस्थान के संयुक्त निदेशक (शोध) डॉ. एस.के. सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक संवाद से किसानों की जानकारी तो बढ़ेगी ही, अपितु किसानों के अनुरूप शोध कार्य भी होंगे। उन्होंने किसानों से आईवीआरआई से जुड़े रहने और यहाँ की जानकारियों का लाभ उठाने का आग्रह किया।
संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रूपसी तिवारी ने किसानों से अपनी समस्याओं को साझा करने का आह्वान करते हुए कहा कि संस्थान के वैज्ञानिक उनके द्वार आए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि संस्थान ने किसानों एवं पशुपालकों के लिए विभिन्न बीमारियों से संबंधित एपिसोड बनाए हैं, जिन्हें वे अपने मोबाइल पर डाउनलोड करके लाभ उठा सकते हैं।
इस अवसर पर गाँव के किसानों ने निदेशक महोदय को आवारा पशुओं की समस्या, पशुओं में खुरपका-मुंहपका बीमारी और गलघोंटू की समस्या के बारे में बताया। इसके उत्तर में निदेशक महोदय ने कहा कि आवारा पशुओं के लिए राष्ट्रव्यापी योजना बनाई जा रही है।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में संस्थान के डॉ. महेश चंद्र, डॉ. सोनालिका महाजन, डॉ. अखिलेश, डॉ. लक्ष्य यादव सहित छात्र आदि उपस्थित रहे। यह अभियान कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।