/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/08/4f271JFrI7Ur4sCWPi3W.jpg)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की ओर से विकसित फसल, पशुधन उत्पादकता संबंधी तकनीक किसानों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। उत्पादक संगठन, सीड विलेज बनाकर उद्यमिता विकास के लिए प्रेरित करेंगे।बुधवार को आईवीआरआई में प्रसार परिषद की 26वीं प्रसार गतिविधियों की समीक्षा बैठक हुई। नई शिक्षा नीति के तहत फार्म स्कूल ऑन एयर, प्रौद्योगिकी के प्रचार-प्रसार, कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य माध्यम से इंटरफेस मीट आयोजन, किसान मेला प्रदर्शनी, सोशल मीडिया माध्यमों से किसानों को जागरूक करने का सुझाव दिया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक कृषि प्रसार डाॅ. आरके सिंह ने प्रसार शिक्षा की ओर से विकसित तकनीक को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए कहा।
पशुपालकों के जीवन स्तर को सुधारने पर जोर दिया
संस्थान निदेशक डाॅ. त्रिवेणी दत्त ने चलाए जा रहे पैकेज ऑफ प्रैक्टिस के जरिये विभिन्न हितधारकों, उद्यमियों, एनजीओ के साथ इंटरफेस मीट कर किसानों, पशुपालकों के जीवन स्तर को सुधारने पर जोर दिया। डॉ. दत्त ने सूचना प्रौद्योगिकी के जरिये संस्थान के वोकेशनल, सर्टिफिकेट कोर्स का शैक्षणिक कैलेंडर तैयार कर प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। किसान मेलों का आयोजन करने और दूसरे संस्थानों के आयोजित मेलों में भाग लेकर तकनीक के प्रदर्शन का सुझाव दिया। कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग शोध संस्थान कानपुर के निदेशक डाॅ. शांतनु कुमार दुबे ने आईवीआरआई के कार्यों को सराहा।