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बरेली, वाईबीएन संवाददाता। बारिश के मौसम में बरेली में होने वाले जलभराव की गंभीर समस्या से निपटने के लिए आज जनसेवा टीम के तत्वावधान में पीलीभीत बाईपास स्थित एक लॉन में जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जनसेवा टीम के अध्यक्ष एवं समाजसेवी पम्मी ख़ाँ वारसी ने इस समस्या को एक जटिल चुनौती बताया, जिससे व्यापारियों को नुकसान होता है, घरों में पानी घुस जाता है और सड़कों पर निकलना मुश्किल हो जाता है।
पम्मी ख़ाँ वारसी ने सुझाव दिया कि इस जटिल समस्या से निजात पाने के लिए नगर निगम प्रशासन को जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी को बोरवेल के माध्यम से सीधे जमीन के नीचे भेजने की व्यवस्था बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारी और गैर-सरकारी इमारतों तथा पार्कों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस किया जाना चाहिए, ताकि वर्षा जल का प्रभावी ढंग से संचयन हो सके।
जनसेवा टीम ने जनता के लिए कुछ सुझाव और अपील भी जारी की है, जिनमें जलभराव को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय प्रभावी हो सकते हैं:
समाजसेवी डॉ. सीताराम राजपूत ने इन उपायों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अवैध निर्माण पर रोक, सड़कों का उचित डिज़ाइन, जलाशयों का संरक्षण, जागरूकता और सामुदायिक सहयोग, आधुनिक तकनीक का उपयोग, और सरकारी नीतियों व योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन जलभराव की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को सामूहिक रूप से लागू करना आवश्यक है।
समाजसेवी निक्की वर्मा ने 'जल है तो कल है' के नारे को दोहराते हुए कहा कि वर्षा का पानी एकत्रित करके रेन हार्वेस्टिंग के माध्यम से वापस उसके स्थान पर पहुंचाना जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। शिव शक्ति टाइल्स के मालिक विष्णु गुप्ता ने जोर दिया कि वर्षा जल संचयन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के जीवन में पानी की कमी एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि चूंकि वर्षा जल को शुद्ध माना जाता है, इसलिए इसका विभिन्न उद्देश्यों के लिए पुनः उपयोग किया जा सकता है, और इसलिए पानी को संरक्षित करना आवश्यक है।
बैठक में मुख्य रूप से पम्मी ख़ाँ वारसी, डॉ. सीताराम राजपूत, दानिश खान, निक्की वर्मा, विष्णु गुप्ता, विनोद श्रीवास्तव, अंकित मौर्या, हाजी साकिब रज़ा ख़ाँ, सलमान, जहीर, सोनू, राजू भारती, शान, तस्लीम, फरहान, जाफरान, आसिफ आदि शामिल रहे। यह बैठक जलभराव की समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।