Advertisment

जनसेवा टीम ने जलभराव पर की बैठक, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और नालियों की सफाई पर दिया जोर

बारिश के मौसम में बरेली में होने वाले जलभराव की गंभीर समस्या से निपटने के लिए आज जनसेवा टीम के तत्वावधान में पीलीभीत बाईपास स्थित एक लॉन में जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया।

author-image
Sudhakar Shukla
Janseva team
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता। बारिश के मौसम में बरेली में होने वाले जलभराव की गंभीर समस्या से निपटने के लिए आज जनसेवा टीम के तत्वावधान में पीलीभीत बाईपास स्थित एक लॉन में जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जनसेवा टीम के अध्यक्ष एवं समाजसेवी पम्मी ख़ाँ वारसी ने इस समस्या को एक जटिल चुनौती बताया, जिससे व्यापारियों को नुकसान होता है, घरों में पानी घुस जाता है और सड़कों पर निकलना मुश्किल हो जाता है।

Advertisment

जलभराव से निजात के लिए बोरवेल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सुझाव

पम्मी ख़ाँ वारसी ने सुझाव दिया कि इस जटिल समस्या से निजात पाने के लिए नगर निगम प्रशासन को जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी को बोरवेल के माध्यम से सीधे जमीन के नीचे भेजने की व्यवस्था बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारी और गैर-सरकारी इमारतों तथा पार्कों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस किया जाना चाहिए, ताकि वर्षा जल का प्रभावी ढंग से संचयन हो सके।

जलभराव रोकने के प्रभावी उपाय: विशेषज्ञों के विचार

Advertisment

जनसेवा टीम ने जनता के लिए कुछ सुझाव और अपील भी जारी की है, जिनमें जलभराव को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय प्रभावी हो सकते हैं:

  • नालियों की सफाई और रखरखाव: नियमित रूप से नालियों और सीवर सिस्टम की सफाई करें ताकि पानी का बहाव न रुके। कचरा, पत्तियां और मलबा हटाते रहें।
  • उचित जल निकासी व्यवस्था: शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ड्रेनेज सिस्टम बनाएं। नालियों को ढककर और उनकी ढलान को सही रखकर पानी का प्रवाह सुनिश्चित करें।
  • रेनवाटर हार्वेस्टिंग: वर्षा जल संचयन प्रणाली अपनाएं। इससे बारिश का पानी जमीन में रिसता है और जलभराव कम होता है।
  • वृक्षारोपण: पेड़-पौधे लगाएं, जो मिट्टी को स्थिर रखते हैं और पानी को सोखने में मदद करते हैं।

समाजसेवी डॉ. सीताराम राजपूत ने इन उपायों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अवैध निर्माण पर रोक, सड़कों का उचित डिज़ाइन, जलाशयों का संरक्षण, जागरूकता और सामुदायिक सहयोग, आधुनिक तकनीक का उपयोग, और सरकारी नीतियों व योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन जलभराव की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को सामूहिक रूप से लागू करना आवश्यक है।

Advertisment

जल संरक्षण का महत्व

समाजसेवी निक्की वर्मा ने 'जल है तो कल है' के नारे को दोहराते हुए कहा कि वर्षा का पानी एकत्रित करके रेन हार्वेस्टिंग के माध्यम से वापस उसके स्थान पर पहुंचाना जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। शिव शक्ति टाइल्स के मालिक विष्णु गुप्ता ने जोर दिया कि वर्षा जल संचयन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के जीवन में पानी की कमी एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि चूंकि वर्षा जल को शुद्ध माना जाता है, इसलिए इसका विभिन्न उद्देश्यों के लिए पुनः उपयोग किया जा सकता है, और इसलिए पानी को संरक्षित करना आवश्यक है।

बैठक में मुख्य रूप से पम्मी ख़ाँ वारसी, डॉ. सीताराम राजपूत, दानिश खान, निक्की वर्मा, विष्णु गुप्ता, विनोद श्रीवास्तव, अंकित मौर्या, हाजी साकिब रज़ा ख़ाँ, सलमान, जहीर, सोनू, राजू भारती, शान, तस्लीम, फरहान, जाफरान, आसिफ आदि शामिल रहे। यह बैठक जलभराव की समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Advertisment
Advertisment