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24 लाख की स्टांप ड्यूटीका घपलेबाज कार्तिकेय पुलिस के शिकंजे में

गरीबों की जमीन व विवादित प्लॉट कब्जाने वाले लेखपाल सावन कुमार जायसवाल गिरोह के सदस्य कार्तिकेय त्रिपाठी को एसआईटी ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी मानुष पारीक की प्रेसवार्ता के बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया।

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Sudhakar Shukla
S 66
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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गरीबों की जमीन व विवादित प्लॉट कब्जाने वाले लेखपाल सावन कुमार जायसवाल गिरोह के सदस्य कार्तिकेय त्रिपाठी को एसआईटी ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी मानुष पारीक की प्रेसवार्ता के बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। ट्रांसपोर्टर विजय अग्रवाल के मैनेजर कार्तिकेय ने बैनामा के दौरान करीब 24 लाख रुपये की स्टांप ड्यूटी जमा की थी। गैर जमानती वारंट लेकर एसआईटी उसे तलाश कर रही थी।

प्रापर्टी डीलर व ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले विजय अग्रवाल का नाम चर्चा में आया

एसपी सिटी ने बताया कि चकबंदी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल के भूमाफिया गिरोह का पिछले दिनों खुलासा किया गया था। सावन के कई साथी अब भी जेल में हैं। वहीं जांच कर रही एसआईटी ने जांच की तो पता लगा कि इस गिरोह में स्टांप वेंडर समेत कई अन्य लोग शामिल हैं। इस गिरोह ने गरीबों की जमीन हड़पने व विवादित जमीनें कब्जाने को कई फर्जी रजिस्ट्री कराई थीं। पुलिस ने इस बात की जांच की कि इस गिरोह के कारनामों में रजिस्ट्री आदि की स्टांप ड्यूटी में रुपया कौन लगा रहा है। तब प्रापर्टी डीलर व ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले विजय अग्रवाल का नाम चर्चा में आया। पता लगा कि विजय अग्रवाल अपने मैनेजर कार्तिकेय त्रिपाठी, उसके भाई अंकिश आदि के साथ मिलकर सावन जायसवाल को ऐसे कामों के लिए धन उपलब्ध कराता था। 

- एसपी सिटी ने बताया कि नकटिया के हिम्मत सिंह कोल्ड स्टोरेज की बेशकीमती जमीन का स्वामित्व हिम्मत सिंह की पुत्रवधू विम्मी मदान के पास था। इस मामले में विवाद पैदा करके संपत्ति हड़पने को सावन के गिरोह ने हिम्मत सिंह की फर्जी वसीयत हरिओम नाम के शख्स को कराई थी। 17 मार्च 2023 को हरिओम से जमीन का बैनामा सावन जायसवाल के भाई पल्लव व प्रदीप के नाम कराया गया। जमीन की सरकारी कीमत 3.30 करोड़ रुपये थी। एसपी सिटी ने बताया कि इन लोगों ने हरिओम को दिखावे के लिए जो चेक दिए वह कभी बैंक में लगाए ही नहीं गए। पुलिस ने स्टांप ड्यूटी की जानकारी की तो पता लगा कि वह विजय अग्रवाल के मैनेजर कार्तिकेय त्रिपाठी के जरिये चुकाई गई। करीब 24 लाख रुपये की धनराशि दी गई। तब कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराकर एसआईटी ने कार्तिकेय को उसके घर किला थाने के मोहल्ला चौधरी गुलाबनगर से गिरफ्तार कर लिया।

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