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करोड़ों के 280 दुकानों के शॉपिंग कॉम्पलेक्स को अवैध घोषित करने के बाद केसर चीनी मिल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान चीनी मिल की याचिका को खारिज कर दिया और आदेश दिया है कि नगर पालिका ही इस मामले में निर्णय ले।
कई दिनों से नगर पालिका प्रशासन और केसर चीनी मिल के बीच अनापत्ति प्रमाण पत्र, बनाए गए शॉपिंग कांप्लेक्स के नामांतरण को लेकर विवाद चल रहा है। नगर पालिका ने चीनी मिल को नोटिस देते हुए चेतावनी दी थी कि उनके द्वारा बनाए गए शॉपिंग कॉम्पलेक्स का न तो नामांतरण कराया गया है न ही मानचित्र प्रमाणित कराया गया है। लिहाजा यह कॉम्पलेक्स अवैध है। इधर केसर चीनी मिल प्रबंधन ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
नोटिस का तीन सप्ताह के अंदर चीनी मिल जवाब दें
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आदेश दिया कि नगर पालिका द्वारा दिए गए नोटिस का तीन सप्ताह के अंदर चीनी मिल जवाब दे। इसके ठीक चार हफ्ते के अंदर नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी इस पर निर्णय लेंगी।
अधिशासी अधिकारी शशि प्रभा चौधरी ने बताया कि चीनी मिल ने नोटिस का जवाब केवल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने को लेकर दिया है, जबकि अनापत्ति प्रमाण पत्र में साफ-साफ लिखा है कि अगर कोई तथ्य छुपाया जाता है और उस प्रॉपर्टी को लेकर कहीं कोई विवाद हो तो वह स्वत: ही निष्क्रिय हो जाएगी।
केसर चीनी मिल बहेड़ी के सहायक उपाध्यक्ष अंशुल मोहन गर्ग ने बताया कि नगर पालिका द्वारा नोटिस देकर बार-बार यह कहा जा रहा था कि आपने नामांतरण नहीं कराया। मानचित्र प्रमाणित नहीं कराया, जबकि वह हर बार जवाब दे रहे हैं कि नगर पालिका द्वारा उन्हें अनापत्ति दी गई है। इसको लेकर कोई कोई सुनने को तैयार है न ही कुछ बताने को तैयार है। जरूरत पड़ी तो न्यायालय में फिर जाएंगे।