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श्री हरिमंदिर में चल रही श्रीराम कथा में तीसरे दिन कथावाचक आशीष मिश्र ने कहा कि भगवान राम बहुत उदार हैं। वह जिस पर कृपा करते हैं उसके जीवन का उद्धार हो जाता है। संसारी व्यक्ति अगर किसी को कुछ देता है तो दिखाता है, जताता है, नाम लिखाता है। भगवान राम का स्वभाव है कि बहुत कुछ देने के बाद भी अनुभव करते हैं कि हम अपने भक्त को कुछ नहीं दे सके। रावण की लंका जिसे रावण ने भगवान शंकर को अपने दस शीश अर्पित करके प्राप्त किया उसी लंका को विभीषण को देने के बाद श्रीराम संकोच में पड़ गए कि हम अपने भक्त को कुछ दे नहीं पाए।
राम कथा में बताया कि हनुमान जी की बल की प्रशंसा रावण कर रहा है । एक बार नहीं २-२ बार ,१ बार तो श्री अंगद जी से सामने बोलता है, एक ही वानर है रामा दल में जो बलवान भी है और शीलवान भी है ।अंगद जी पूछते उस वानर का नाम बताओ रावण तो बोलता इस ही बात का दुख है उसका नाम हम नहीं जानते बस यही जानते है की पहली बार मेरे नगर में आया और मेरे नगर को जला दिया । पंडित मिश्र बताते है की श्री हनुमान जी के आगे भी राम जी है पीछे भी राम जी है ।,श्री हनुमान जी कहते है सारा काम तो प्रभु राम ही करते है नाम मेरा होता है । पंडित मिश्र ने कथा के दौरान ये भी बताया की हनुमान जी इतना समर्थ है की अपने भक्त के जीवन कुछ भी अशुभ को शुभ में बदल देते है । श्री हनुमान जी मंगलमूर्ति है ।
मंदिर सचिव रवि छाबड़ा ने बताया कि सात दिवसीय श्री राम कथा 14जून से 20जून तक प्रत्येक दिन शाम 8 बजे से 9.30 बजे तक होगी। पिछले वर्ष भी महाराज जी कथा का लाभ बरेली के सभी रसिक जनो को प्राप्त हुआ था।
श्री हरि मंदिर प्रबंध समिति एवं अखिल भारतीय श्री राधा संकीर्तन मंडल आप सभी भक्तजनों को इस दिव्य श्री राम कथा में सादर सपरिवार आमंत्रित करती है। आज की कथा में सुशील अरोरा, रवि छाबड़ा,अनिल चड्ढा,राजेश अरोरा,विनोद भाटिया,विजय चड्ढा आदि उपस्थित रहे।