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देश में Emergency थोपने पर भाजपा सरकार के इस कद्दावर मंत्री ने कह दी बड़ी बात

25 जून 1975 की आधी रात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोपा था। इस निर्णय की वजह युद्ध या विद्रोह के बजाय चुनाव को रद्द कराने और सता बचाने की हताशा में लिया था।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन नेटवर्क

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25 जून 1975 की आधी रात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोपा था। इस निर्णय की वजह युद्ध या विद्रोह के बजाय चुनाव को रद्द कराने और सता बचाने की हताशा में लिया था। जो इतिहास में काला अध्याय बन गया।

50 वर्ष बाद भी कांग्रेस की मानसिकता नहीं बदली

निजी डेंटल कॉलेज में शुक्रवार को भाजपा की ओर से आपातकाल के काले अध्याय का 50वां वर्ष होने पर आयोजित संगोष्ठी, लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मान समारोह में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ये विचार साझा किए। कहा, कांग्रेस पार्टी ने लोकतांत्रिक संस्था को रौंदा। प्रेस स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता, नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलने का काम किया। 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस की मानसिकता नहीं बदली।

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कार्यक्रम में वन मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना, सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार, जिलाध्यक्ष सोमपाल शर्मा, आंवला जिलाध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह, महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, विधायक संजीव अग्रवाल, डॉ. श्याम बिहारीलाल, डॉ. एमपी आर्य, डॉ. राघवेंद्र शर्मा, मेयर उमेश गौतम अन्य मौजूद रहे। लोकतंत्र सेनानी वीरेंद्र अटल, राजेंद्र बहादुर चौधरी, सतीश शर्मा, लेखपाल सिंह, कन्हैयालाल मिश्र, बाबूराम, झाझन लाल, महेश चंद्र सक्सेना, सुमंत माहेश्वरी, सोहनलाल, भीमसेन, जगदीश प्रसाद, भानुमति, गंगा देवी, मंगला देवी, सुंदरलाल, रामवती, राजेंद्र पाल सिंह, उषा उपाध्याय, सरला, प्रवीण कुरेशी सहित 50 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल, माला व प्रशस्ति पत्र देकर उनका सम्मान किया गया।

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