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जानिये किस अधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चयन में ली ऑनलाइन घूस

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रिक्त पदों पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार में सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री के चयन में ऑनलाइन घूस ली।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह ने चयन में दो लाख रुपये की घूस ली है। इसमें कुछ रुपये तो उन्होंने ऑनलाइन लिए। इसका खुलासा सीओ सिटी (क्षेत्राधिकारी नगर द्वितीय) की जांच में हुआ है। विवेचना के क्रम में अब इस मामले में डीएम उपायुक्त स्वत: रोजगार से पूरे मामले की जांच करा रहे हैं।

मढ़ीनाथ निवासी विभा रानी पत्नी सचिन ने छह मई 2025 को एसएसपी अनुराग आर्य के यहां शिकायत की थी। उसने एसएसपी को बताया था कि बाल विकास परियोजना शहर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति के लिए जिला समन्वयक ने उनसे ऑनलाइन व नकद दो लाख रुपये लिए हैं, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। जिस पर एसएसपी ने मामले की जांच सीओ सिटी द्वितीय अजय कुमार से कराई। विवेचना में पाया गया कि जिला समन्वयक ने 22 जुलाई 2024 को शिकायतकर्ता विभा रानी से 19 हजार रुपये ऑनलाइन पेमेंट अपने खाते में प्राप्त किए। फिर 28 मार्च 2025 को जिला समन्वयक ने छह हजार रुपये खाते से ऑनलाइन पेमेंट विभा रानी को किया है। इस विवेचना के क्रम में अब डीएम ने इस प्रकरण की जांच के लिए उपायुक्त स्वत: रोजगार को जांच अधिकारी बनाया है।

इन बिंदुओं पर मांगा जवाब

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- डीपीओ के नाम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चयन कराने में धन उगाही क्यों की गई।

- पुलिस की विवेचना एवं शिकायत प्रकरण से यदि आप अवगत थे तो डीपीओ को क्यों नहीं बताया।

- आपने विभा रानी के पति सचिन से 19 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अपने खाते में क्यों कराए और छह हजार रुपये उन्हें क्यों लौटाए।

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जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 311 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अप्रैल में पूरी हुई है। चयन में फर्जीवाड़े की शिकायत पर डीएम ने जांच कराई थी। जिसमें 21 लोगों के आय-निवास प्रमाण पत्र गलत पाए गए थे। जिनमें उनकी सेवाएं समाप्त की गई हैं। इस गड़बड़ी में तीन लेखपाल निलंबित हुए थे, जबकि सात के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई जारी है। जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह ने बताया कि हमें कुछ जरूरत थी तो सचिन से 19 हजार रुपये उधार लिए थे, जो उन्हें दे भी दिए हैं। सचिन के बारे में हम नहीं जानते हैं, इससे हमारे साथी नरेश ने मिलवाया था। सचिन ने एसएसपी के यहां शिकायत की थी। अब हमारा उसका समझौता हो गया है। - , 

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