/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/04/licen-2025-07-04-08-21-03.jpg)
डीएम ने हिस्ट्रीशीटर समेत दो आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा अन्य चार लोगों के लाइसेंस के संबंध में कार्रवाई चल रही है। निरस्त किए गए शस्त्र लाइसेंस सिरौली के धौरेरा गांव के जगपाल और पूर्व बीडीसी मोहनपुर नकटिया के जलालउद्दीन के हैं। इसमें जगपाल के पास रायफल और जलालउद्दीन के पास बंदूक का लाइसेंस था।
जगपाल के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में सात मुकदमे भी चल रहे
पांच साल बाद सिरौली थाना क्षेत्र के धौरेरा गांव के जगपाल के मामले में भी फैसला आ गया है। जगपाल सिरौली थाने का हिस्ट्रीशीटर है। इनके विरुद्ध डीएम कोर्ट में 28 जनवरी 2020 से वाद चल रहा था। जगपाल के शस्त्र लाइसेंस के विरुद्ध एसएसपी की ओर से 22 जनवरी 2020 को डीएम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की गई थी। जिस पर डीएम कोर्ट ने जगपाल की रायफल का लाइसेंस निरस्त किया है। इनके विरुद्ध सिरौली थाने में पांच मामले दर्ज हैं। इसके विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में सात मुकदमे भी चल रहे हैं। उसने अपने शस्त्र पर 100 कारतूस खरीदे और हर्ष फायरिंग में खर्च किए हैं। इसके पास उस बीच में कोई जिंदा कारतूस शेष नहीं था। हालांकि जगपाल ने डीएम कोर्ट में अपनी शोहरत को लेकर तमाम सफाई पेश की और कई गवाह मोर सिंह, सत्यपाल को भी खड़ा किया, लेकिन पुलिस के सुबूतों के आगे उनकी बात जगपाल के पक्ष में वजनदार साबित नहीं हुई।
इसी तरह जलालउद्दीन के मामले में कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक ने 10 जुलाई 2020 को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। पुलिस की पैरवी पर सरकार बनाम जलालउद्दीन के नाम से डीएम कोर्ट में 16 अगस्त 2020 को वाद दाखिल हुआ था। लंबी सुनवाई के बाद डीएम कोर्ट ने अभी कुछ दिन पहले फैसला सुनाते हुए जलालउद्दीन की बंदूक के लाइसेंस को निरस्त करने का आदेश पारित किया है। इन पर पुलिस की तरफ से लाइसेंसी शस्त्र लेकर अन्य लोगों के साथ सड़क पर जाम लगाने व अन्य आरोपों लगाए गए थे। जलालउद्दीन वर्तमान में कैंट थाना क्षेत्र के उमरिया सैदपुर में निवास कर रहे हैँ। इनके विरुद्ध एससी-एसटी में बिथरी चैनपुर थाने में भी मामले दर्ज हैं। डीएम कोर्ट में जलालउद्दीन ने बताया था कि वह अपनी ग्राम पंचायत से बीडीसी रहे हैं और उनकी बेटी प्रधान रही है।