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जानिये क्यों अटका भमोरा-शाहबाद मार्ग का चौड़ीकरण

पौधे लगाने के लिए तय जमीन के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी न होने से भमोरा-शाहबाद मार्ग के तीन किलोमीटर हिस्से का चौड़ीकरण छह महीने से भी ज्यादा समय से अटका हुआ है।

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Sudhakar Shukla
लखनऊ शहर

लखनऊ में जारी प्रचंड गर्मी के चलते सड़कों पर पसरा सन्‍नाटा। Photograph: (वाईबीएन)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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पौधे लगाने के लिए तय जमीन के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी न होने से भमोरा-शाहबाद मार्ग के तीन किलोमीटर हिस्से का चौड़ीकरण छह महीने से भी ज्यादा समय से अटका हुआ है। इस वजह से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं।

बिलारी तक 46 किलोमीटर लंबे मार्ग को 10 मीटर चौड़ा किया जाना है

भमोरा से रामपुर के शाहबाद होते हुए बिलारी तक 46 किलोमीटर लंबे मार्ग को 10 मीटर चौड़ा किया जाना है। 43 किलोमीटर लंबे हिस्से का चौड़ीकरण हो चुका है। आंवला तहसील में इफको के करीब सैदापुर में तीन किलोमीटर क्षेत्र में वन भूमि है। चौड़ीकरण के लिए इस क्षेत्र में पेड़ काटे जाने हैं। इसके बदले दूसरी जगह पर पौधे लगाए जाएंगे। छह महीने से भी ज्यादा समय हो गया है अब तक पौधे लगाने के लिए तय भूमि के संबंध में एनओसी जारी न होने से काम ठप है।

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लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता राजीव कुमार अग्रवाल का कहना है कि पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मिलकर आंवला तहसील के हिम्मतपुर में तीन हेक्टेयर जमीन तय की लेकिन अप्रैल 2024 में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भूमि को वन क्षेत्र से दूर बताकर आपत्ति लगाई। तर्क दिया कि वन क्षेत्र से दूर इतनी कम भूमि पर पौधों की देखरेख नही हो सकेगी। पौधे सूख सकते हैं।

अब एनएचएआई की एक परियोजना के लिए इसी जगह पर दो हेक्टेयर जमीन पौधे लगाने के लिए आवंटित की गई है। अब पांच हेक्टेयर पर पौधे लगाए जाएंगे। भूमि का क्षेत्रफल बढ़ने से एनओसी जारी होने की संभावना बन गई है।

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