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सिद्धयोग शक्ति दरबार ट्रस्ट के तत्वाधान में गुरुदेव गोविन्द जी एवं गुरुमां आस्था जी द्वारा क्रियायोग साधना का आयोजन किया गया। गुरुदेव गोविन्द जी ने शक्तिपात तरंगों को भेज कर क्रियायोग साधना करवायी,फलस्वरूप उपस्थित साधकों को विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएं होने लगीं। शरीर को स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न प्रकार के आसन स्वतः होने लगे तथा मन को मजबूत बनाने के लिए एवं डिप्रेशन आदि को दूर करने के लिए मानसिक क्रियायें एवं प्राणायाम भी स्वतः होने लगे । गुरुदेव गोविन्द जी ने साधकों को बताया कि तुम लोगों को जो यह क्रियाएं होती हैं इसका कारण शरीर एवं मन की अशुद्धियां हैं। इन अशुद्धियों को कुंडलिनी शक्ति क्रियाओं के माध्यम से बाहर निकालती है और इन क्रियाओं के पश्चात व्यक्ति का शरीर और मन शुद्ध हो जाता है और यही क्रियायोग का फल है।
उन्होंने आगे कहा कि जो व्यक्ति प्रतिदिन क्रियायोग को अपनाता है उसका तन और मन शुद्ध होता चला जाता है और वह एक दिन आत्मज्ञान को उपलब्ध हो जाता है यही जीवन का परम उद्देश्य है। क्रियायोग अत्यंत सरल है केवल गुरु के समक्ष जाना होता है शक्ति मिलने पर क्रियाएं स्वत प्रारंभ हो जाती है भाव उत्पन्न होने लगता है इन क्रियाओं को करते हुए अत्यंत आनंद की प्राप्ति होती है, लेकिन यह बात भी सत्य है कि हर कोई इस योग को नहीं कर पाता है जो जीवन में आगे बढ़ना चाहता है जो अपने जीवन को उच्च स्तरों पर ले जाना चाहता है वही इस क्रियायोग को अपना पाता है।
गुरुमाता आस्था जी ने कहा कि क्रियायोग में निरंतरता आवश्यक है प्रतिदिन योग करना तथा गुरु के प्रति भाव रखना गुरु से जुड़े रहना ही क्रियायोग की कुंजी है। दोपहर 12:00 बजे से प्रारंभ होकर यह क्रियायोग साधना 3:00 बजे तक चली। तत्पश्चात इष्टदेव योगेश्वर बाबा बटुकनाथ एवं मां संतोषी की प्रार्थना एवं आरती संपन्न हुई जिन साधकों ने भोग लगाया था उन्होंने प्रसाद वितरण किया और गुरुदेव गुरुमां का आशीर्वाद प्राप्त किया।क्रियायोग साधना में शशि मिश्रा,कमल मेहरोत्रा, राजीव शर्मा, पुष्पी शर्मा,मधुरलता वर्मा, स्वजल कपूर, विमल मेहरोत्रा,अवनीश मिश्रा,रिचा मेहरोत्रा, अंशिका अग्रवाल, उत्कर्ष अग्रवाल स्वाति अग्रवाल, मुनीश राजपूत, कंचन अग्रवाल,अमर सिंह,पूनम अग्रवाल,विपिन शंखधर,धर्मेंद्र सिन्हा सहित अनेक साधक सम्मिलित हुए।