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बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। साहब, ऐसे कहां जा रहे हो। हमारा हिसाब-किताब तो करते जाओ। जो हमारा निकल रहा है, उसको दो। जो आपका निकल रहा है तो उसको हमसे ले लो। बिना हिसाब किए हम आपको नहीं जाने देंगे। साहब बोले- अभी तो मैं यहीं हूं। कहीं नहीं जा रहा हूं। जाने से पहले हिसाब-किताब हो जाएगा। भीड़-जब आप रिलीव हो गए। चार्ज किसी दूसरे का हो गया तो फिर हम सबको क्यों बेवकूफ बना रहे हो।
शुक्रवार दोपहर बाद एक बजे यह नजारा था नैनीताल रोड़ स्थित भूमि संरक्षण विभाग के दफ्तर के बाहर का। कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह अपने चार्ज छोड़कर दफ्तर के बाहर निकल रहे थे तो विभागीय स्टाफ ने उनको बाहर घेर लिया और अपने बकाया रुपए मांगने लगे। कार्यवाहक बीएसए को कोई जवाब देते नहीं बना। भूमि संरक्षण विभाग के स्टाफ का कहना था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना और डब्ल्यूडीसी योजना के कामों में कार्यरत कर्मचारियों का कमीशन तय था। कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह फर्जी बिल काटकर पूरा कमीशन अपनी जेब में रखकर घर भेजते रहे। बाकी स्टाफ को कमीशन की रकम नहीं मिल पाई। कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह स्वयं अपने दफ्तर में पूरे दिन शेखी बघारते रहते थे कि वह बहुत पॉवरफुल हैं। भाजपा के माननीयों के अलावा लखनऊ, दिल्ली और नागपुर तक उनकी मजबूत पकड़ है। बरेली से उनको कोई हिला नहीं सकता। मगर, जब कार्यवाहक बीएसए अपना खुद का ट्रांसफर नहीं रोक पाए। उनका बांदा तबादला हो गया। इसके बाद बीएसए ने स्टाफ को यह समझाया कि उनकी पॉवर बहुत है। सजातीय एमएलसी अपने साथ हैं। उन्होंने शासन को भी उनकी रिलीविंग रोकने के लिए पत्र लिख दिया है। स्थानीय अधिकारियों में किसी की हिम्मत नहीं है कि उनको बरेली से रिलीव कर दे। 21 जून को डिप्टी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह ने संजय सिंह को बरेली से रिलीव भी कर दिया। कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह ने एक बार फिर स्टाफ को यह कहकर भ्रम में डाल दिया कि उनकी कुर्सी का चार्ज किसी को नहीं मिलेगा। अभी वही बरेली में बने रहेंगे। 27 जून को वह तारीख भी आ गई कि शासन ने कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी का चार्ज उनके ही विभाग की तकनीकी अधिकारी रश्मि शर्मा को दे दिया। उनको चार्ज छोड़कर पूरी बेइज्जती के साथ दफ्तर के बाहर आना पड़ा। तभी भूमि संरक्षण विभाग के स्टाफ ने कार्यवाहक संजय सिंह को घेरकर अपना हिसाब-किताब करने की बात कही। संजय सिंह ने आधा घंटे से ज्यादा समय तक स्टाफ के साथ बैठकर गोपनीय पंचायत की और स्टाफ को भरोसा दिलाया कि अभी हम बरेली छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। तुम्हारा हिसाब-किताब करके ही बांदा जाएंगे। तब जाकर स्टाफ शांत हुआ। देर शाम तक पूर्व कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह और उनके स्टाफ के बीच कमीशन के बंटवारे को लेकर रस्साकसी जारी थी।
अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाकर मात खा चुके पूर्व कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह ने बरेली का चार्ज छोड़ने के बाद भी हार नहीं मानी है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने शनिवार दो बजे दूसरे राज्य के महामहिम से मिलने का समय लिया है। महामहिम पहले भी उनका ट्रांसफर रोकने की पैरवी कर चुके हैं। मगर, महामहिम की पैरवी यूपी शासन ने नहीं मानीं। संजय सिंह का न तो तबादला रुका, न ही रिलीविंग रोक पाए। इतना ही नहीं, संजय सिंह के सजातीय एमएलसी ने भी पूरा जोर लगा लिया। उनकी कोशिश भी बेकार गई।