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भूमि संरक्षण विभाग : आखिर रिलीव हो ही गए तथाकथित ईमानदार बीएसए, ये महिला बनी नई भूमि संरक्षण अधिकारी

खुद को ईमानदार बताकर शेखी बघारने वाले कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह आखिरकार रिलीव हो ही गए। 14 दिन पहले बांदा ट्रांसफर होने के बाद भी यह बरेली में कुर्सी नहीं छोड़ रहे थे।

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Sudhakar Shukla
SANJAY SINGH NAGAR NIGAM
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता । लंबे इंतजार के बाद आखिर कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह रिलीव हो ही गए। 14 दिन पहले बांदा ट्रांसफर होने के बाद भी स्टाफ पर धौंस जमाकर बरेली में बीएसए की कुर्सी पर कुंडली मारकर जमें थे। डिप्टी डायरेक्टर कृषि अभिनंदन सिंह ने संजय सिंह को 21 जून को ही रिलीव कर दिया था। मगर, संजय सिंह इसके बाद भी हठधर्मिता की हद तक अपने नए ज्वाइनिंग स्थल पर न जाकर अपने सजातीय एमएलसी से पत्र लिखवाकर और कृषि विभाग के अफसरों को फोन करवाकर अपना ट्रांसफर रुकवाने का दबाव बना रहे थे। हालांकि यह कुछ भी काम नहीं आया। 27 जून को शासन ने इनके रिलीविंग के आदेश जारी कर दिए। भूमि संरक्षण विभाग में पहले से ही तकनीकी अधिकारी के तौर पर कार्यरत रश्मि शर्मा को नया कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी बनाया गया है। 

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बरेली में पहले उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी के पद पर कार्यरत संजय सिंह का पांच साल का कार्यकाल घपले-घोटाले, भ्रष्टाचार, बेईमानी से भरा और विवादित रहा है। कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह को कृषि और भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में घोर कमीशनखोरी, घटिया निर्माण सामग्री लगवाकर काम की खानापूरी करने, कच्चे कामों को ग्राउंड पर न कराकर फाइलों में पूरा दिखाने समेत तमाम बेईमानी करने, स्टाफ से आए दिन गाली-गलौज, अभद्रता करने, घपले-घोटाले के नए रिकार्ड कायम करने के लिए याद किया जाएगा। कृषि विभाग में बतौर एसडीओ सदर, बहेड़ी और फरीदपुर कार्यकाल के दौरान संजय सिंह ने कृषि यंत्रों की सब्सिडी में सर्वे के दौरान पात्रों को अपात्र और अपात्रों को पात्र बनाने की रिपोर्ट में पक्षपात करके किसान लाभार्थियों से मोटी ऊपरी कमाई की। उसके बाद काली कमाई की रकम अपने भतीजे और रिश्तेदारों के खाते भेजी। उसके बाद जब भूमि संरक्षण विभाग का चार्ज मिला तो संजय सिंह ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना डब्ल्यूडीसी योजना में 10 करोड़ से ज्यादा की रकम का गोलमाल कर लिया। 

निवर्तमान विधायक के पत्र पर हुई घोटाले की टीएसी जांच

बिथरी चैनपुर के निवर्तमान विधायक और भाजपा के फायरब्रांड नेता राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल से आंवला, रामनगर और आलमपुर जाफराबाद के किसानों ने कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह के द्वारा 60 से ज्यादा गांवों में कराए जाने वाले कच्चे कामों जैसे-खेत समतलीकरण, निचले स्थानों पर पानी निकासी के लिए कच्चा नाला निर्माण, मेड़बंदी, उसर भूमि सुधार और पक्के कामों जैसे-कुलाबा निर्माण समेत अन्य कार्यों में पीला व दोयम दर्जे कमी ईंट लगाने समेत घटिया सामग्री लगवाने की शिकायत की। किसानों की शिकायत पर निवर्तमान विधायक पप्पू भरतौल ने शासन को पत्र लिखा। उनके पत्र पर मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने भूमि संरक्षण विभाग के कार्यों की टीएसी जांच कराई। टीएसी जांच टीम को संजय सिंह ने पूरे रिकार्ड उपलब्ध न कराकर बहुत परेशान किया। कई बार टीएसी जांच टीम के सदस्यों से अभद्रता भी की। आधे-अधूरे रिकार्ड से टीएसी जांच किसी तरह पूरी हुई। सूत्रों के अनुसार टीएसी जांच में भूमि संरक्षण विभाग के कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह, दो जेई समेत अन्य स्टाफ दोषी भी पाया गया है। उसमें इन पर कड़ी कार्रवाई होना तय है। 

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निवर्तमान विधायक के पत्र पर ही कार्यवाहक बीएसए का ट्रांसफर

सूत्रों के अनुसार भाजपा के निवर्तमान विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल के पत्र के आधार पर ही भूमि संरक्षण विभाग के कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह का ट्रांसफर बुंदेलखंड के बांदा जनपद में किया गया। इतना ही नहीं, संजय सिंह के कारनामों की अन्य भी तमाम शिकायतें थीं। उन सब शिकायतों का शासन ने संज्ञान लिया। इसका नतीजा यह निकला कि 15 जून को संजय सिंह का तबादला आदेश शासन से जारी हो गया। उसके बाद भी इनकी हठधर्मिता कम नहीं हुई। संजय सिंह अपना ट्रांसफर रुकवाने में लग गए। बरेली में अपने एक सजातीय एमएलसी से न केवल शासन को ट्रांसफर रुकवाने के लिए पत्र लिखवाया। बल्कि एमएलसी ने कृषि अधिकारियों को व्यक्तिगत फोन करके भी रिलीविंग रुकवाने में पूरी ताकत लगा दी। मगर, शासन ने एमएलसी की एक नहीं सुनी। न ही कृषि अधिकारियों ने एमएलसी की बातों पर ध्यान दिया। अंतत्वोगत्वा बरेली में कार्यवाहक बीएसए के तौर पर संजय सिंह की पारी 27 जून को समाप्त हो गई।

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