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कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह को निवर्तमान भाजपा विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल से पंगा लेना भारी पड़ गया। विधायक के पत्र पर शासन ने घोटालेबाज बीएसए संजय सिंह का उनके निवास स्थान रुद्रपुर (उत्तराखंड) से सात सौ किलोमीटर दूर बुंदेलखंड के बांदा जिले में ट्रांसफर कर दिया है। कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह के खिलाफ चीफ सेक्रेटरी के आदेश पर भूमि संरक्षण विभाग के घोटाले की जांच भी चल रही है। इसमें आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह को तमाम जांचों से बचाने का खामियाजा ज्वाइंट डायरेक्टर कृषि राजेश कुमार को भी भुगतना पड़ गया। उनको भी शासन ने बरेली से हटाकर इसी पद पर सहारनपुर मंडल भेज दिया। जबकि उनके ट्रांसफर की उम्मीद किसी को नहीं थी। उनकी छवि सीधे सरल और विनम्र अफसर की है।
कृषि विभाग में उप संभागीय प्रसार अधिकारी संजय सिंह की छवि धूर्त, बदतमीज और घोटालेबाज अधिकारी की थी। यह उत्तराखंड के रुद्रपुर कस्बे से अप डाउन करके नौकरी करते थे। संजय की मूल रूप से तनाती तो कृषि विभाग में थी। लेकिन, एक साल पहले कृषि निदेशालय से सांठ गांठ करके वह भूमि संरक्षण समेत चार पांच पदों का अतिरिक्त चार्ज भी ले आए थे। बरेली में कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी रहने के दौरान संजय सिंह ने भूमि सुधार, तालाब खुदाई, कच्चे नाला निर्माण, मेडबंदी, भूमि समतलीकरण और पक्के कामों में 22 करोड़ के बजट को ठिकाने लगाया। संजय सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करके पक्के कामों में निम्न स्तर की घटिया सामग्री लगवाई। उनके घोटालों के खिलाफ भाजपा के निवर्तमान विधायक राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने शासन को पत्र लिखा था। चीफ सेक्रेटरी से इस मामले की जांच के आदेश हुए थे।
यूपी सरकार के मुख्य सचिव के आदेश पर उनकी टीएसी जांच अभी तक चल रही है। यह जांच पूरी होते ही आने वाले दिनों में संजय सिंह पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह के घपले घोटाले की शिकायत को देखते हुए शासन की तरफ से उनका बंदा ट्रांसफर किया गया है। संजय सिंह उत्तराखंड के रुद्रपुर में रहते हैं। बरेली में इनके पास अपने मूल पद के अलावा पांच अतिरिक्त चार्ज थे। संजय सिंह के पास मूल पद उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर के अलावा एसडीओ कृषि फरीदपुर, एसडीओ नबावगंज, मृदा संरक्षण अधिकारी और कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी का भी चार्ज था। बरेली में रहकर संजय सिंह ने इन विभागों से मोटी कमाई की। उत्तराखंड और यूपी में अरबों रुपए की बेनामी संपत्तियां अर्जित की। सूत्रों के अनुसार संजय सिंह का रुद्रपुर, कानपुर, आंबेडकर में आलीशान मकान है। इनकी पत्नी रुद्रपुर में नौकरी करती हैं। संजय सिंह ने बरेली में कार्यरत रहने के दौरान अपनी पत्नी और भतीजे के बैंक खातों में करोड़ों रुपए की सरकारी रकम नियम विरूद्ध गैर कानूनी तरीके से ट्रांसफर की। इन सब मामलों की जांच फिलहाल चल रही है।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल के आदेश पर टीएसी टीम ने कार्यवाहक भूमि संरक्षण विभाग अधिकारी संजय सिंह की जांच शुरू तो उन्होंने जांच टीम को बार बार पत्र लिखने के बाद भी पूरे रिकॉर्ड नहीं दिए। आधे अधूरे रिकॉर्ड देकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश की। इसके अलावा उन्होने अपने जेई से भी अभद्रता की और अभियंता के ट्रांसफर के लिए शासन को गोपनीय पत्र लिख दिया। कितना ही नहीं संजय सिंह ने जहां टीम से भी कई बार अभद्रता की। कृषि विभाग में संजय सिंह की छवि एक धूर्त बदतमीज और अभद्र अधिकारी की मानी जाती है। जांच के दौरान पर्याप्त रिकॉर्ड न मिलने से तक टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा अब संजय सिंह का तबादला होने के बाद उनके स्थान पर जो भी नया भूमि संरक्षण अधिकारी आएगा। उससे टीएसी टीम को पंडित भूमि समतलीकरण, कच्चे नाला निर्माण, पक्के निर्माण कार्यों में हुए घोटाले के रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे।