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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)
आखिरकार सरनिया मुआवजा मामले में भू-स्वामियों को हाईकोर्ट से राहत मिली है। एनएचएआई पंद्रह दिन मे पूरा मुआवजा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के यहां जमा कराएगा। इसका 50 फीसदी भू-स्वामी 15 दिन में निकाल सकेंगे। पचास फीसदी मुआवजा बैंक में जमा रहेगा और इस मामले में आने वाले फैसले के अधीन होगा।
सरनिया निवासी मोहम्मद शाहिद आदि की जमीन और परिसंपत्तियों को एनएचएआई की रिंग रोड परियोजना के लिए अधिग्रहीत किया गया था। मुआवजा एनएचएआई और एसएएलओ ने 12,48,72,386 रुपये तय किया था लेकिन एनएचएआई के तत्कालीन परियोजना निदेशक ने डीएम की अदालत में आर्बिटेशन दाखिल करते हुए तय मुआवजे को चुनौती दी थी और डीएम ने आर्बिटेटर की हैसियत से मुआवजे की राशि घटाकर 1.72 करोड़ रुपये कर दिया था। भू-स्वामी ने डीएम के इस फैसले को जिला सुधीर कुमार की अदालत ने चुनौती दी तो जिला जज ने डीएम का फैसला पलट दिया है।
भू-स्वामी तय मुआवजे का 50 फीसदी निकाल सकेंगे
अदालत ने पूर्व में निर्धारित मुआवजे (12.48 करोड़ रुपये) को सही मानते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को एक माह के भीतर ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश दिया था लेकिन एनएएचआई ने जिला जज के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करते हुए याचिका दाखिल की। इस पर बुधवार को हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया। इसमें कहा गया है कि दो सप्ताह के भीतर पूरी धनराशि जमा दी जाए। अगर पूर्व में कोई धनराशि दी गई है तो उसे समयोजित करें। भू-स्वामी तय मुआवजे का 50 फीसदी निकाल सकेंगे। यदि तय समयसीमा में उपरोक्त धनराशि जमा करने देरी की तो इस आदेश से एनएचएआई को मिली अंतरिम राहत समाप्त हो जाएगी। मामले में अगली सुनवाई तक एनएचएआई पर किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न करने की राहत हाईकोर्ट की ओर से आदेश में दी गई है।